रोहतास पत्रिका/नई दिल्ली: सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जापान पहुंच गए हैं. अगले दो दिनों तक मोदी का कार्यक्रम है जहां पर वो अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन और ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीस से मुलाकात करेंगे.वही इस कार्यक्रम का मेजबान जापान है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी क्वाड के सभी नेताओं से मिलेंगे.
प्रधानमंत्री ने सुबह में फोटो के साथ ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘उगते सूरज की भूमि. आगे टोक्यो में प्रधानमंत्री जापान के व्यापारियों के साथ-साथ भारतीय समुदाय के लोगों से मिलेंगे. वही कार्यक्रम में शामिल होने से पहले एक सरकारी बयान में कहा गया है कि हमारी प्रमुखता क्वाड पहल की समीक्षा दुनिया के चार नेताओं के लिए प्रमुख एजेंडा में से एक रहेगी.
सोमवार को प्रधानमंत्री इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन के द्वारा मोदी को आमंत्रित किया गया है. एक सरकारी बयान के आधार पर विश्व के दोनों बड़े दोनों नेताओं की मुलाकात होगी. जहां पर अमेरिका के साथ अपने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा और क्षेत्रीय विकास और समकालीन वैश्विक मुद्दों पर भी अपनी बातचीत जारी रखी जाएगी.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने द्विपक्षीय बैठक में कहा कि हम हम यूक्रेन में तस्वीर को कैसे देखते हैं. हम यूक्रेन पर पहले जैसे ही बात करेंगे. वही इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) का इरादा आपूर्ति-श्रृंखला लचीलापन, स्वच्छ ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और डिजिटल व्यापार सहित क्षेत्रों में सामान्य मानकों के माध्यम से क्षेत्रीय देशों को अधिक निकटता से जोड़ना होगा.
इस कार्यक्रम का मुख्य भाग क्वाड मीटिंग है जहां समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र, उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां, समुद्री सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन और कोविड से जुड़ी चुनौतियों और प्रगति पर भी चर्चा की जाएगी. मार्च में चारों देशों के नेताओं ने वर्चुअल मीटिंग की थी. उस समय स्कॉट मॉरिसन ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री थे. यूक्रेन युद्ध शिखर सम्मेलन के दौरान उभरे प्रमुख मुद्दों में से एक था. क्वाड शिखर सम्मेलन को लेकर चीन आपत्ति जताते हुए कहा कि अमेरिका के नेतृत्व वाली इंडो-पैसिफिक रणनीति क्षेत्र में विभाजन पैदा करने और टकराव को भड़काने की एक चाल है. आगे चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को कहा कि “तथ्य साबित करेंगे कि तथाकथित इंडो-पैसिफिक रणनीति मूल रूप से विभाजन पैदा करने, टकराव को भड़काने और शांति को कमजोर करने की रणनीति है.”