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jan Suraaj

रोहतास पत्रिका/पटना: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी में उम्मीदवारों का चयन जनता द्वारा किया जाएगा, ना कि किसी नेता या पार्टी के समूह द्वारा। यह एक अनूठी पहल होगी, जहां पहली बार भारत में किसी राजनीतिक दल के उम्मीदवारों का चयन पूरी तरह से जनता की राय से होगा।

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में कोई व्यक्ति या नेताओं का समूह उम्मीदवारों का चयन नहीं करेगा। अमेरिका की तरह, जहां राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का चयन जनता करती है, ठीक उसी प्रकार जन सुराज में भी उम्मीदवार जनता द्वारा चुने जाएंगे। इस तरह के प्रादर्शिता से चुनाव लड़ने वाले उमीदवारों को सहूलियत मिलेगी।

प्रशांत किशोर ने उदाहरण देते हुए कहा, अमेरिका में, जब राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होता है, तो कोई एक व्यक्ति या पार्टी का अध्यक्ष यह तय नहीं करता कि डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस को टिकट मिलेगा। उम्मीदवार खुद को प्रस्तुत करते हैं, जनता और पार्टी के बीच जाकर अपनी बात रखते हैं, और अंत में जिसे जनता चुनती है, वही उम्मीदवार बनता है। आगे उन्होंने बताया कि बिहार, जो लोकतंत्र की जननी है, यहीं से एक नया आगाज होगा।

मार्च से पहले जो भी लोग विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनना चाहते हैं, उन्हें जनता के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद मार्च से नवंबर तक जन सुराज के संस्थापक सदस्य और जनता मिलकर इन उम्मीदवारों का मूल्यांकन करेंगे, और अंत में जिस पर जनता की मोहर लगेगी, वही जन सुराज का आधिकारिक उम्मीदवार बनेगा।

Source: Yash Chordia/Jan Suraaj

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bihar byelection 2022

रोहतास पत्रिका/पटना: गोपालगंज और मोकामा विधानसभा सीट पर कराए जा रहे उपचुनाव शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया। दोनों सीटों पर कुल 52.38 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं इस मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किया गया था। बिहार निर्वाचन आयोग के मुताबिक, मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव में खबर लिखे जाने तक कुल 52.38 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले है। विभाग अनुसार मतदान प्रतिशत में और वृद्धि हो सकती है।

मोकामा में हुए सबसे अधिक मतदान

बिहार चुनाव आयोग के अनुसार मोकामा विधानसभा सीट के लिए सबसे अधिक 53.45 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि गोपालगंज सीट के लिए 51.48 प्रतिशत वोटिंग हुई है। पूरे मतदान के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किया गया था जिसके कारण एक-दो इलाकों में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर कही से भी बड़ी अप्रिय घटना की अबतक सूचना नहीं मिली है।

मतदान के लिए बनाए गए थे 619 मतदान केंद्र

मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीट के लिए कराए जा रहे उपचुनाव के लिए कुल 619 मतदान केंद्र बनाए गए, जिसमें गोपालगंज में 330 मतदान केंद्र और मोकामा में 289 मतदान केंद्र बनाए गए थे। आपको बता दूँ कि मोकामा विधानसभा सीट से 6 प्रत्याशी तो गोपालगंज विधानसभा सीट से 9 प्रत्याशी मैदान में है। मोकामा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 281251 है जबकि गोपालगंज विधानसभा में 331469 मतदाता हैं।

महागठबंधन और भाजपा के बीच टक्कर

बिहार में सरकार बदलने के बाद यह पहला उपचुनाव हो रहा है। इस चुनाव को राजनीतिक दृष्टिकोण के मुताबिक दोनों सीटों पर पर मुख्य मुकाबला महागठबंधन और भाजपा के बीच माना जा रहा है। गोपालगंज में भाजपा के विधायक और बिहार सरकार के पूर्व सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह का असामयिक निधन होने से यह सीट रिक्त हो गई थी। वहीं, मोकामा के तत्कालीन विधायक अनंत सिंह को अवैध हथियार रखने के मामले में सजा होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई थी। मोकामा में अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी तो गोपालगंज में सुबाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी मैदान में हैं।

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रोहतास पत्रिका/सासाराम: नगर निगम चुनाव को लेकर गतिविधियां पूरी तेज हो गई है। अब अभ्यर्थी पूरी तरह से मैदान में उतर चुके हैं और कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। चुनाव में विभिन्न मुद्दों को लेकर अभ्यर्थी लोगों के पास पहुंच रहे हैं और शहर को नया रूप देने के लिए वचनबद्ध भी हो रहे हैं। नगर निगम चुनाव को लेकर रविवार को माइको पर सासाराम नगर निगम के डिप्टी मेयर प्रत्याशी सत्यवंती देवी ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया।

इस दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सासाराम नगर निगम में महिलाओं की जो समस्या है वह महिलाओं से मिलने के बाद भी प्रतीत हुआ है। उन्होंने कहा कि जहां भी वो जा रही है महिलाएं उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत करा रही हैं और उस समस्याओं को दूर करने के लिए आग्रह कर रही है। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं के लिए शहरी क्षेत्रों में एक भी शौचालय नहीं है इसलिए मेरे एजेंडे में सर्वप्रथम महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों के लिए डीलक्स शौचालय का निर्माण करवाना मुख्य है। इसके अलावा महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए जो भी सरकार की योजनाएं चलाई रही है उसका लाभ उन्हें दिलवाना होगा।

उन्होंने कहा कि सासाराम ऐतिहासिक शहर है और इसके इतिहास को संजोए रखना हम सभी का कर्तव्य होता है। ऐसे में सबसे पहले ऐतिहासिक धरोहरों को विश्व पटल पर लाने में कार्य किया जाएगा और शहर की जो सबसे बड़ी समस्या जल निकासी और गंदगी है उसे दूर किया जाएगा ताकि हमारे ऐतेहासिक धरोहरों को देखने के लिए जब कोई व्यक्ति अन्य राज्यों से आए तो वह शहर की स्थिति देख कर गर्व महसूस करें। सत्यवंती देवी ने कहा कि चुनावी भ्रमण के दौरान गरीब घरों में शिक्षा की कमी दिखी।

गरीब परिवारों के बच्चों को खासकर लड़कियों को शिक्षा से जोड़ने का कार्य किया जाएगा ताकि लड़कियां पढ़ाई कर अपना भविष्य संवार सकें। इसके लिए सरकारी स्कूलों को सुदृढ़ किया जाएगा और शहरी क्षेत्रों में लाइब्रेरी की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए मनोरंजन पार्क का भी निर्माण करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि लोगों का सहयोग रहा तो हमारा सासाराम बदलेगा और शहर के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस करेंगे। मौके पर पूर्व सासाराम नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद चंद्रशेखर सिंह भी मौजूद रहे।

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पटना: जातिगत जनगणना को लेकर सभी पार्टियों की सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. ये बैठक पटना में आयोजित हुआ था. जहां RJD का प्रतिनिधित्व तेजस्वी यादव कर रहे थे. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिल को अगली कैबिनेट बैठक में लाने और नवंबर के महीने में इसे शुरू करनी चाहिए. उनका आगे कहना था कि छठ पुजा में बिहार से बाहर रहने वाले कई लोग घर आते हैं इस समय आकड़े सही प्राप्त होंगे, और पर्याप्त समय भी तैयारी करने के लिए मिल जाएगा. पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना है ना कि जनगणना, ये हमारी जीत है. बैठक के दौरान तेजस्वी ने बताया कि इसमें मानव शास्त्रियों को शामिल करने के लिए अपना सुझाव दिया है. इसे लेकर केन्द्र सरकार को आगे आना चाहिए और आर्थिक रुप से समर्थन करना चाहिए. ये फैसला बिहार के रहने वाले लोगों के हित में है.

नीतीश कुमार ने कही ये बात

बिहार प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार ने बैठक को लेकर अपनी खुशी जताई. उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना कराने के लिए केंद्र की अनिच्छा के बाद राज्य में “सभी जातियों और समुदायों का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण” करेगी. वही सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद, कुमार ने कहा कि विशाल अभ्यास के लिए आवश्यक कैबिनेट मंजूरी जल्द ही दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये खुशी के बात है कि सभी दलों के लोगों ने इस बैठक को लेकर सर्वसम्मति से समर्थन किया है.

बीजेपी से कौन-कौन शामिल

उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और राज्य इकाई के प्रमुख संजय जायसवाल ने बैठक में भाग लिया. बीजेपी अपने केन्द्र के फैसले पर अडिग रही. इस बैठक को लेकर बीजेपी के नेताओं ने कैमरे से बचने की कोशिश की. जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी के कई नेता इसके हक में नहीं है लेकिन उनके भी अपनी मजबूरी है. आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर राज्य सरकार जातीय जनगणना कराना चाहती है तो राज्य सरकार स्वतंत्र है. केन्द्र सरकार के तरफ से कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिल पाएगी.

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रोहतास पत्रिका/पटना: बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर सभी पार्टियों की सहमति बन गई है. इस बात की जानकारी शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने पहले ही बता दिया है कि जाति आधारित जनगणना पर जल्द ही पटना में एक बैठक होगी. मंत्री ने स्पष्ट करते हुए बताया कि बिहार सरकार ने एक जून (बुधवार) को पटना में जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक करने का फैसला किया है. इस तारीख पर सभी दलों ने अपनी सहमति जताई है. आगे चौधरी ने कहा कि बैठक का स्थान 4 देश रत्न मार्ग, पटना में शाम करीब 4 बजे आयोजित होगा. वही बैठक में सभी पार्टियों के शीर्ष नेताओं का आगमन तय माना जा रहा है.

सभी पार्टियों की सहमति

27 मई को हुई बैठक को लेकर नीतीश कुमार ने सकारात्मक संकेत दिए थे. बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को छोड़कर RJD, JDU, कांग्रेस, वाम दल, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) और अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सहित सभी दलों ने जाति-आधारित जनगणना पर सहमति व्यक्त की. भाजपा अपने केंद्रीय नेतृत्व के रुख पर अड़ी हुई थी, जिसने देश में जाति आधारित जनगणना नहीं करने का फैसला किया था हालांकि अब बीजेपी की रूख में हल्की नरमी देखी जा रही है.

BJP की असहमति से टूट जाएगी गठबंधन

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति आधारित जनगणना कराने के अपने फैसले पर अडिग हैं. BJP थिंक टैंक का मानना ​​है कि अगर वे बिहार में जाति आधारित जनगणना का विरोध करेंगे तो सीएम नीतीश कुमार बीजेपी से गठबंधन तोड़ सकते हैं और राजद की मदद से बिहार में सरकार बना सकते हैं. नीतीश कुमार और तेजस्वी की बढ़ती नजदीकियों से BJP परेशान दिख रही है. भाजपा को डर सता रहा कि गठबंधन ना टूटे, इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने अपनी सहमति जताई है. आपको बता दें, प्रधानमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि राज्य अपने खर्च पर जाति आधारित जनगणना करने के लिए स्वतंत्र हैं.

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