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रोहतास पत्रिका/तिलौथू: बिहार में अब थाना भी सुरक्षित नहीं! किसी एक पुलिसकर्मी की बात क्या कहें, चोरों ने थाना परिसर को ही निशाना बना लिया।जिनके कंधे पर लोगों की सुरक्षा की जिम्मेवारी है, वैसे पुलिसकर्मी भी अब सुरक्षित नहीं हैं। यह इसलिए क्योंकि तिलौथू थाना परिसर के मालखाना का खिड़की तोड़कर चोरों ने देसी-विदेशी शराब समेत लाखों रुपए के सामान की चोरी कर लिया।

चोरों ने एक दिन नहीं, बल्कि लगातार चार दिनों तक मालखाना का खिड़की तोड़कर जब्त सामानों की चोरी करते रहे। वहीं थाने में पदस्थापित साहब से लेकर पुलिसकर्मी आराम फरमाते रहे। थाना के अंदर चार दिनों तक लगातार चोरी की घटना का खुलासा थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज से हुआ तो पुलिस दंग रह गई।

सीसीटीवी फुटेज से चोरों के कारनामों का खुलासा हुआ। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार 29 सितंबर की रात्री से लेकर 2 अक्टूबर की रात्री तक लगातार चोर सामान तो ले ही गए, मालखाने में रखी गई अंग्रेजी शराब की बोतल भी साथ ले गए। इस मामले में मालखाना प्रभारी रमेश मेहता ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है।

प्राथमिकी के अनुसार 13 से 15 साल के बीच के चार किशोर चार दिनों तक रात्री में थाने के मालखाने में खिड़की का रोड मोड़कर घुसे और लैपटॉप समेत कई सामान अपने साथ ले कर चले गए। थाने में चोरी की वारदात के बाद घोर लापरवाही का मामला प्रदर्शित होता है।

अहम बात यह है कि थाना के मालखाना में लगातार चोरी की वारदात होती रही और मालखाना प्रभारी को इसकी भनक तक नहीं लगी। हालांकि थानाध्यक्ष ने इसे गंभीर मामला मानते हुए मालखाना प्रभारी रमेश मेहता के लिखित आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर लिया है। अभी तक चोर पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। घटना के बाद से पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।

क्या कहते है थानाध्यक्ष 

तिलौथू थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि मालखाना प्रभारी द्वारा मालखाने से चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सामान का मिलान करने के बाद ही पता चलेगा कि कितने की चोरी हुई है। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस छानबीन में जुट गई है।

Source: Hindustan 

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Ambulance

रोहतास पत्रिका/सासाराम: लंबे समय से एंबुलेंस कर्मियों के वेतन भुगतान नहीं होने के कारण 102 के चालक और कर्मी बुधवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए। एंबुलेंस चालक व कर्मी वाहन लेकर सदर अस्पताल परिसर स्थित डीएचएस कार्यालय पहुचे। जहां वाहन लगाकर विरोध करना शुरू किया। वहीं, एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ सुविधा ठप्प हो गई है। जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

सरकारी एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल के वजह से रेफर मरीजों को बाहर ले जाने के लिए परिजनो को अब निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अनमोल सिंह ने कहा कि वेतन नहीं मिलने के कारण एंबुलेंस कर्मी भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। परिवार के भरण पोषण में असमर्थ हो गए है। मांगे पूरी होने तक हमलोगों का हड़ताल जारी रहेगा। इस दौरान घटना व दुर्घटना होने पर घायलों को एंबुलेंस सेवा नहीं मिलने की सारी जबावदेही जिला स्वास्थ्य समिति की होगी।

समिति की ओर से एजेंसी का भुगतान लंबित रखा गया है। ऐसे में कर्मियों के पारिश्रमिक का भुगतान एजेंसी नहीं कर रही है। दशहरा जैसे पर्व में भी वेतन नहीं दी गई। जबकि, 15 दिन पहले जिला स्वास्थ्य समिति को एजेंसियों के भुगतान के लिए पांच करोड रुपये आया था। फिर दो करोड रुपया मिला। लेकिन अब तक हमलोगों का भुगतान नहीं हो पाया है।

जिलाउपाध्यक्ष विरेंद्र सिंह ने कहा कि कमीशन जहां से तय हो जा रहा है, उस एजेंसी को अधिकारी भुगतान कर रहे है। जबकि, हमलोग अल्प पारिश्रमिक भोगी है। हमारे कमाई का एक-एक पाई खर्च में ही चला जाता है। ऐसे में तीन माह के पारिश्रमिक भुगतान लंबित रहने से हमलोग कर्ज लेकर घर चला रहे है। लेकिन, अधिकारी कमीशनखोरी में लगे हुए है।

धरना में शामिल धनंजय कुमार सिंह ने कहा कि पिछले तीन माह से वेतन भुगतान तो चार माह का पीएफ बकाया है। इसके आलावा ईएसआईसी रोककर रखने, आठ घंटा की जगह 12 घंटा काम लेने व बिहार सरकार श्रम अधिनियम के द्धारा तय की गई कुशल मजदूरी भी नहीं मिल रही है। विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल शुरू किया गया है। मांगों की पूर्ति तक हड़ताल जारी रहेगा। धरना में धनंजय कुमार सिंह, मुम्ताज अंसारी, मदन मोहन पाठक, मिथिलेश कुमार, दिनानाथ सिंह, काशी यादव, अलाउद्दीन मंसूरी, मोतीलाल सिंह, पप्पू कुमार सिंह, सत्येंद्र कुमार सिंह, रंजीत कुमार सिंह, धर्मेंद्र कुमार समेत करीब 150 कर्मी शामिल रहे।

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Magahi Pan

रोहतास पत्रिका/सासाराम: बिहार के किसान अब पारंपरिक खेती से हटकर नई तकनीक और नई फसलों की खेती करने लगे हैं और इसमें उनका बेहतर भविष्य भी नजर आ रहा है। इसी कारण बिहार में नई फसलों एवं फलों के उत्पादन देखने को मिल रहा है। इधर रोहतास जिले के किसान भी अब पारंपरिक खेती को छोड़ नई खेती करने में जुट गए हैं और इसे उनको लाखों की आमदनी हो रही है।

रोहतास जिले के एक किसान ने स्ट्रॉबेरी की खेती कर कृषि वैज्ञानिकों के सारे दावों को फेल कर दिया था तो वहीं अब एक अन्य किसान ने अपने खेत में मगही पान की खेती कर एक बार फिर कृषि वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। सासाराम प्रखंड अंतर्गत धौडाढ़ पंचायत के मेदनीपुर गांव के एक किसान पान की खेती कर लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। मेदनीपुर के रहने वाले किसान जितेंद्र कुमार ने महज प्रयोग रूप में पान की खेती की शुरुआत की थी। परंतु कुछ ही महीनों में बेहतर परिणाम मिलने के बाद उन्होंने वृहत पैमाने पर पान की खेती करनी शुरू कर दी।

जितेंद्र कुमार पान की खेती अपने खेत में उगा रहा है, जिससे पान के पत्ते की अच्छी निकासी हों रही है। इस पान की खेती को लोग दूर-दूर से देखने के लिए आ रहे हैं। किसान जितेंद्र कुमार का जुगाड़ और तरीका लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। हर कोई उनकी खेती की तारीफ कर रहा है और उनसे पान की खेती करने का गुर सीख रहे है।

जितेंद्र कुमार बताते है की वो खुद पान बेचते है और इसके लिए बाजार से पान का पत्ता लाते थे। उन्होंने बताया की महज प्रयोग के तौर पर पान का कुछ प्लांट लगाया था लेकिन उसके बेहतर परिणाम को देखते हुए अब वो व्यापक तौर पर उसकी खेती शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि अब वह अपने दुकान पर इसी पत्ते का पान बेचते हैं। उनके द्वारा बाजारों में भी इस पत्ते का सप्लाई किया जाता हैं जिससे उनको बेहतर आमदनी हो रही है।

Source: Bihar 24 News

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phc

रोहतास पत्रिका/रोहतास: रोहतास प्रखंड अंतर्गत तुम्बा पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) को आठ साल पहले ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनाया गया था, लेकिन यह अब तक चालू नहीं हो सका है। स्वास्थ्य केंद्र के बंद रहने के कारण अब यह खंडहर में तब्दील होने लगा है। इस वजह से आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले हजारों ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो रहे हैं।

तुम्बा पंचायत स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चालू होने के बाद तिलौथू और रोहतास प्रखंड में रहने वाले ग्रामीणों को नजदीक में ही स्वास्थ सेवाएं मिलना चालू हो जाएगा। फिलहाल इसके बंद होने के वजह से स्थानीय लोगों को इलाज कराने के लिए लगभग 10 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। दूरी के वजह से कई लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है।

ग्रामीणों का आक्रोश: स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि सरकार और प्रशासन के इस फैसले से लोगों को कोई राहत नहीं मिल सका है। अगर इस स्वास्थ्य केंद्र को चालू कर दिया जाता है तो सरकारी तंत्र का सही उपयोग हो सकता है और ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकता है। उनका कहना है कि सरकारी संपत्ति का उपयोग न होने से यह नुकसान हो रहा है, और यह सरकारी संसाधनों की बर्बादी को दर्शाता है। लोगों ने जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, और जनप्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि इस मामले पर जल्द से जल्द विचार करते हुए केंद्र को चालू किया जाए।

Source/Report: 

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रोहतास पत्रिका/सासाराम: एचसीएल ग्रुप के संस्थापक शिवनादर की जनहित में पहल विद्याज्ञान प्रवेश परीक्षा को आज सबल ने रोहतास जिले के स्कॉटिश सेंट्रल स्कूल के प्रांगण में संपन्न कराया। विद्याज्ञान प्रवेश परीक्षा में पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र भाग लिए एवं इस परीक्षा में जो छात्र अंतिम रूप से चयनित होंगे उनकी छठवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा, आवासीय एवं सभी तरह के खर्च को एचसीएल ग्रुप द्वारा वहन किया जाएगा। सभी छात्र-छात्राओं को संस्था द्वारा देश के वर्ल्ड क्लास विद्यालय में शिक्षा लेने में सहायता प्रदान की जाएगी।

विद्यालय परिसर के अंदर शांति पूर्वक कदाचार मुक्त परीक्षा कराने के लिए एचसीएल ग्रुप से वैभव एवं अभिषेक परीक्षा नियंत्रक के रूप में केंद्र पर पूरे समय निरीक्षण में रहे। वहीं परीक्षा को शत् प्रतिशत उनके मानक स्तर के साथ संपन्न कराया गया। इस बात की पुष्टि करते हुए अरुणिश कुमार ने बताया की सबल अपने सभी तरह की जिम्मेदारी को सिर्फ इस वजह से पूर्ण कर पाया क्यूंकि इसके लिए संस्था के प्रत्येक सदस्य की निष्ठा समाहित रहती है।

विद्याज्ञान प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रा की उम्र सीमा 31 मार्च 2012 से 31 मार्च 2014 तक निर्धारित थी। जबकि छात्र की उम्र 31 मार्च 2013 से लेकर 31 मार्च 2014 तक था। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में माता पिता की वार्षिक आय अधिकतम एक लाख रुपए जबकि शहरी क्षेत्र में अधिकतम दो लाख रुपए निर्धारित किया गया था।

सबल के सचिव रविशंकर पाण्डेय ने बताया की रोहतास जिले में इस परीक्षा को संचालित करने की जिम्मेदारी को निभाते हुए सामाजिक संस्था सबल ने कुल चार चरणों में बच्चों से संपर्क कर बच्चों के फॉर्म भरने, एडमिट कार्ड उन तक पहुंचाने, एवं बच्चों को उनके घर से परीक्षा केंद्र तक लाने एवं पहुंचाने की समुचित व्यवस्था के साथ परीक्षा को संपन्न कराया।

परीक्षा केंद्र पर निगरानी के लिए मिथिलेश पाठक, सोनम प्रिया, मनीष गुप्ता, आदित्य गोलू, नागेंद्र पाण्डेय, विशाल सहस्रामी, सुधांशु कुमार, रजनीश कुमार सिंह, अमन कुमार, अमृतेष कुमार, निर्भय कुमार, मोनू कुमार, धनेश मिश्र, चर्चितानंद पाठक, रवि कुमार, रविरंजन कुमार, नीरज कुमार को लगाया गया था। इस परीक्षा में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग तीन सौ की संख्या में विद्यालयी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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