रोहतास पत्रिका/पटना: ISKCON पटना में आज से पवित्र कार्तिक महीने की शुरुआत के साथ दीपदान उत्सव की शुरुआत हो गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास को दामोदर मास भी कहते हैं। मान्यता यह भी है कि इस माह में पुण्य प्राप्त करना बेहद ही आसान और सहज होता है, क्योंकि कार्तिक मास में भगवान विष्णु के मंदिर में दीपक जलाना शुभ फलदायी होता है।
साथ ही गंगा स्नान का भी महात्म्य होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस माह में गंगा जी में भी दीपदान करते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। जो जातक आरोग्यता प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें प्रात काल उठकर गंगा स्नान कर पीपल और तुलसी की पूजा करनी चाहिए, साथ ही दीपदान भी करना चाहिए। कार्तिक मास में आने वाली देव उठानी एकादशी एक महत्वपूर्ण धार्मिक तिथि है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा के बाद उठते हैं। इस दिन के बाद से भगवान की प्रात: कालीन पूजा आदि सभी मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। कार्तिक मास की पहले पंद्रह दिनों के उपासना और दीपों के जलाने से जीवन में नई दिशा मिलती है। इन 15 दिनों के बाद भगवान विष्णु की निद्रा से उठने का समय आता है, और इसके साथ ही सारे मांगलिक कार्य शुरू होते हैं।
कार्तिक मास में, पवित्र नदियों में, मंदिरों में और अन्य स्थानों पर दीपों का दान किया जाता है। दीपों का प्रकाश करने से जीवन में प्रकाश और शुभता आती है। यह त्योहार समाज में आत्मा की शुद्धता और प्राचीन धार्मिक अदर्शों का महत्व स्थापित करता है। दीपदान की जानकारी ISKCON के प्रवक्ता नंदगोपाल दास ने दी। उन्होंने बताया की इस मौके पर हज़ारों भक्तों ने मंदिर में कार्तिक महीने के पहले दिन दीपदान किया, शरद पूर्णिमा के मौके विशेष प्रसाद भी भक्तों के बीच वितरित किया गया।