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अंकित कुमार सिंह:- इन दिनों सिनेमाघरों में आर माधवन  निर्देशित फ़िल्म ‘रॉकेट्री’ बहुत लोकप्रिय हो रही है। यह फ़िल्म महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक नम्बी नारायणन की सफलता की कहानी को बताती है। ISRO ऐसे प्रयोग करता रहता है जो आम आदमी की जिंदगी में बदलाव तो लाता है, लेकिन उन्हें उनकी कहानी नहीं मालूम होती है। आइए आज ISRO के ‘नाविक’ की कहानी जानते हैं।

तो क्या है -‘नाविक’ ?

हमसबों ने रोज़मर्रा की जिंदगी में जीपीएस का प्रयोग तो देखा ही होगा। कही जाना हो तो जीपीएस का प्रयोग।कही से खाना मंगवाना हो तो जीपीएस का प्रयोग।आपको पता है, जिस जीपीएस का प्रयोग हम कर रहे है, वो हमारा नहीं है। जीपीएस अमेरिका की वैशिक नौवहन सेवा है। ठीक उसी प्रकार भारत ने अपनी क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली(IRNSS) को बनाने में सफलता पाई है। जिसे इसरो ने बनाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका नाम भारतीय मछवारों को समर्पित करते हुए इसका नाम ‘नाविक’ रखा है। यह भारत सरकार के पूर्णत आधीन रहनेवाला  क्षेत्रीय स्वायत नौवहन उपग्रह प्रणाली है। अमेरिका ,रुस, चीन के बाद यह प्रणाली विकसित करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है।

‘नाविक’ बनानें की प्रेरणा कहा से आई?

1999 के कारगिल युद्ध के समय भारतीय सेना को दुश्मनों के सही पोजीशन की जानकारी नही मिल पा रही थी। प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिका से स्ट्रैटजिक लोकेशन देने की मांग की। अमेरिका ने उनके अनुरोध को मना कर दिया। उसी समय से नाविक के विकसित होने की पटकथा की शुरुआत हो चुकी थी। भारतीय वैज्ञानिकों ने तभी से इसे विकसित करने के लिए अपने को तैयार कर लिया था।

‘नाविक’ काम कैसे करता है?

यह 8 उपग्रहों का समूह है। जिसकी मदद से यह 5 मीटर तक की स्थिति सटीकता वाले सभी उपयोगकर्ताओं को मानक पोजिशनिंग सेवा प्रदान करता है। नाविक दोहरी आवृति वाले  एस और एल बैंड है। इस कारण यह मानक स्थिति निर्धारण सेवा दे पाता है।इसके रखरखाव के लिए 18 केंद्र बनाए गए हैं।

कौन बेहतर है नाविक या जीपीएस?

जीपीएस 24 उपग्रहों का समूह है।जीपीएस वैश्विक नेविगेशन सिस्टम है।इसके लोकेशन देने की क्षमता का विस्तार अधिक है। जीपीएस की नज़र धरती के चप्पे-चप्पे पर होती है। नाविक एक क्षेत्रीय नेविगेशन सिस्टम है।इसकी नौवहन क्षमता की एक सीमा निर्धारित है। इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि नाविक भारत की देशज तकनीक है।अब युद्धों के समय स्ट्रेटेजिक लोकेशन के लिए हमारी निर्भरता दूसरे देशों से ख़त्म हो गयी हैं।क्षेत्रीय स्तर पर इसकी सटीकता ज्यादा कारगर होगी। इसकी सेवा आम आदमी के साथ -साथ भारतीय सेना के लिए भी कारगर होगी। कुछ सेवाओं की सुविधा सिर्फ अधिकृत अधिकारियों तथा विभागों को होगी,जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत उपयोगी होगी।

अब जान लेते है नाविक का प्रयोग कहाँ-कहाँ होता है?
1. नक्शा तैयार करने में।
2. जिओडेटिक आंकड़े जुटाने में।
3. समय का बिल्कुल सही पता लगाने के लिए।
4. वाहनों का पता लगाने के लिए।
5. हवाई तथा समुद्री नौवहन के लिए।
6. चालकों के लिए।

क्या ‘नाविक’ आम लोगों के लिए उपलब्ध है?

अभी यह आम उपयोग में बहुत प्रचलित नहीं है।इसका एक मजबूत कारण यह है कि नाविक समर्थित हार्डवेयर का उपलब्ध नहीं होना।हमे ऐसे उपकरणों की ज़रूरत है जो नाविक समर्थित हो।साल 2019 से मोबाइल प्रोसेसर बनाने वाली कंपनियों और इसरो के बीच समझौता होता आ रहा है।धीरे-धीरे नाविक समर्थित उपकरण बाज़ार में आने लगेगा।

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मुंबई: सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही है. इन तस्वीरों में पूर्व युनिवर्स सुष्मिता सेन और उनके साथ IPL के संस्थापक ललित मोदी दिख रहे हैं. हालांकि ये सबसे पहले पोस्ट ललित मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया था. इसके बाद से सोशल मीडिया पर एक भूचाल से आ गया है. हर जगह इस जोड़ी के बार में चर्चा हो रही है. वही सुष्मिता सेन के फैंस भी हैरान है, उनके ऐसे कई समर्थक है जिन्हें ये विश्वास नहीं हो पा रहा है. ललित मोदी ने ख़ुद अपने प्यार का इजहार किया. पोस्ट शेयर करने के साथ लिखा है कि “आपको क्लियरिटी के लिए बता दु कि हम एक दुसरे को डेट कर रहे हैं. अभी शादी नहीं की है, लेकिन जल्द ही शादी करेंगे. इसके साथ ही कई रोमांटिक फ़ोटो भी शेयर किया.

 

जाने मोदी का इंडियन प्रीमियर लव

ललित मोदी और सुष की दोस्ती 12 साल पुरानी है. दोनों इटली के फ़्लोरेंस में जाने-माने बिज़नेस मेन जिंदल की बेटी के शादी में मिले थे. यहीं से दोनों के बीच दोस्ती हुई. इस शादी में कई बार दोनों को एक-दुसरे के साथ समय बिताते देखा गया. सूत्रों के मुताबिक़ कहा जाता है कि रानी लक्ष्मी बाई मूवी को लेकर दोनों के बीच में चर्चा हुई थी. हालांकि नाहीं मूवी की बात बनी और नाहीं प्यार की कहानी आगे बढ़ी. मोदी ने तभी से सुष्मिता के प्यार में पागल हो गए थे. सुष के कई अफ़ेयर के बार में चर्चा हुई. इसमें नाम रोहमन शॉल का था.

रोहमन से ब्रेकअप और ललित की एंट्री 

रोहमन से कई सालों सुष को डेट कर रही थी. 16 साल छोटे रोहमन के साथ जब प्यार चर्चा में आया तो उन्होंने ब्रेकअप कर लिया है. इस ब्रेकअप के बाद सुष ने अपनी चुपी भी थोड़ी थी. हालांकि ऐसा कहा जाता है कि सुष के लाइफ में मोदी की एंट्री हो गई थी. इसके वजह से उन्होंने ब्रेकअप कर लिया.

कौन है रोहमन शॉल ?

रोहमन शॉल एक फ्रीलांस फ़ैशन मॉडल है. शिल्पा शेटी के साथ काम किया है. रोहमन शॉल अमेजन प्राइम के एक सिरीज़ हियर मी, लव मी में काम कर चुके हैं ये सिरीज़ सितंबर 2018 में रिलीज़ हुई थी. रोहमन कई फ़ैशन शो में नज़र आ चुके हैं. रोहमन सुष्मिता से 16 साल छोटे थे.

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में शाम 5 बजे बादल फटने की सूचना मिली है. ये बादल अमरनाथ गुफा के समीप फटा है. जानकारी के मुताबिक, हादसे में तक़रीबन 15 लोगों की मौत हो गई है और कई लोगों के लापता होने की सूचना है. मौके पर NDRF, SDRF और ITBP की टीम बचाव और राहत के कार्यों में जुटी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज तकरीबन 8-10 हजार तीर्थयात्री अमरनाथ पहुँचे थे. गुफा के नज़दीक ही तक़रीबन 30-40 टेंट हाउस थे जो कि बहाव में बह गए. प्रत्येक टेंट में चार-पांच लोग रहते हैं. यही लोग बहाव के चपेट में आए हैं

कितने लोग लापता है कोई आँकड़ा नहीं

NDRF के डीजी ने बताया कि शाम को सूचना मिली की अमरनाथ गुफा के नज़दीक बादल फटा है. कई टेंट हाउस बह गए हैं, कितने लोग लापता है अभी हमारे पास कोई फ़िक्स आँकड़ा नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि ऊँची पहाड़ी होने के कारण बचाव और रेसक्यू करने में चुनौतियों को सामना करना पड़ रहा है. हालांकि हमारे जवान इन कार्यों में कुशल है तो उन्हें कोई ज़्यादा परेशानी नहीं होगी. वहीं NDRF के डीजी ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. अमरनाथ श्राइन बोर्ड के साथ कोआर्डिनेट करते हुए काम कर रहे है. इस क्षेत्र में नेटवर्क की दिक़्क़त है जो हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है . हम लाउडस्पीकर के ज़रिए हमें लोगों को बता रहे हैं कि आप लोग सुरक्षित स्थान पर चले जाए.

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को लेकर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि “श्री अमरनाथ गुफा के पास बादले फटने से व्यथित हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति में संवेदनाएं है. उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने हालात का जायजा लिया है. राहत और बचाव के कार्य जारी है. प्रभावित लोगों को हर संभव मदद की जाएगी.”

गृहमंत्री अमित शाह ने कुशलता की कामना

गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा “बाबा अमरनाथ के पास बादल फटने से  आयी फ़्लैश फ्लड के संबंध में मैंने उपराज्यपाल श्री मनोज सिंहा जी से बात कर स्तिथि का जानकारी ली है. NDRF, CRPF, BSF और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगे हैं. लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है. सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की कामना करता हूँ.”

 

NDRF

11-23438252

011-23438253

Kashmir Divisional Helpline:

0194-2496240

Shrine Board Helpline:

0194-2313149

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अंकित कुमार सिंह : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री “शिंजो आबे” को नारा शहर में एक सड़क पर सभा करने के दौरान बहुत बेरहमी से गोली मार दी गई. शिंजो आबे को दो गोलियां मारी गई है. एक उनके सीने में लगी है, तो दूसरी गोली पीछे से उनके गर्दन पर लगी है. गोली लगने के तुरंत बाद तत्काल में शिंजो को सीपीआर देकर जान बचाने की कोशिश की गई, लेकिन जापानी मीडिया के मुताबिक़ उनके शरीर का बहुत से महत्वपूर्ण अंग काम करना बंद कर चुका था. इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.

जापानी मीडिया के मुताबिक शिंजो आबे अपनी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक के उम्‍मीदवार का प्रचार करने के लिए नारा शहर पहुंचे थे. रैली के दौरान शिंजो आबे भाषण दे रहे थे. इसी दौरान हमलावरों ने पीछे से दनादन गोलियां बरसा दी. जिसके बाद शिंजो नीचे गिर गए, उनके गर्दन से बहुत खून बहने लगा. उनके सुरक्षा में बहुत सारे सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद थे, लेकिन वो उस अचानक हमले को रोकने में असमर्थ रहे. हालांकि हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

जापान के सबसे लोकप्रिय नेता थे आबे

शिंजो आबे जापान के सबसे लोकप्रिय नेता थे. इसके साथ ही वो जापान के सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले व्यक्ति भी थे.  शिंजो पहली बार 2006 में प्रधानमंत्री बने लेकिन 2007 में स्वस्थ ठीक न होने के कारण इस्तीफा दे दिया. वो दोबारा 2012 में फिर से प्रधानमंत्री बने उसके बाद लगातार 2020 तक बने रहे. फिर 2020 में ही स्वस्थ कारणों का हवाला दे कर के उन्होंने फिर से इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री ना होते हुए भी सत्तारूढ़ पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक में काफ़ी प्रभाव था.

शिंजो आबे के दौर में भारत को मिला बुलेट ट्रेन

शिंजो का भारत से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं. वो सबसे ज्यादा बार भारत आने वाले जापानी प्रधानमंत्री थे. वो अब तक पीएम रहते हुए कुल 5 बार भारत आ चुके थे। पहली बार वो 2006 में पीएम बनने के बाद भारत आए थे. उसके बाद 2012, 2015, 2017, 2021 में आए थ. उन्होंने भारत में बहुत सारे उद्घाटन समारोह में भी हिस्सा लिया . 2017 में जब शिंजो भारत आये थे, तो वो पीएम मोदी के साथ अहमदाबाद में साबरमती आश्रम घूमे उसके बाद भारत को पहली बुलेट ट्रेन बनाने के लिए आर्थिक, और तकनीकी सहयोग देने का वादा किया था.

जापान में गन क़ानून सख़्त 

जापान का गन कानून पूरी दुनियां में सबसे सख़्त माना जाता है. यहां की आबादी लगभग साढ़े 12 करोड़ के आस पास की है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां सबसे कम लोग गन से मारे जाते हैं. जापान में गन का लाइसेंस मिलना बहुत जटिल और लंबी प्रक्रिया है. ऐसे गोली कांड के बाद तो अब वहां के गन कानून के ऊपर भी सवाल उठ सकते हैं. हालांकि आपको बता दें,  जिस बंदूक से शिंजो आबे के ऊपर गोली चली है वो एक शॉर्ट गन थी, और उसे लोकल बाज़ार में बनाया गया था.

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तबीयत बिगड़ गई है. दिल्ली AIIMS में इलाज जारी रही है. पटना स्थित अपने आवास पर रविवार की रात में सीढ़ियों से गिर गए थे, जिसके बाद उन्हें पटना के पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के मुताबिक़, उनकी बॉडी में तीन जगह फ्रैक्चर हो गया है. सोमवार से बुधवार तक पारस में इलाज चल रहा था लेकिन स्तिथि को देखते हुए उन्हें रात में ही एयर एम्बुलेंस दिल्ली लाया गया है.

तेजस्वी ने बताया पिता की स्तिथि 

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बताया कि AIIMS में भर्ती कराया गया है, फ़िलहाल उनके शरीर में कोई मूवमेंट नहीं हो रही है. AIIMS में भर्ती करने के बाद पूरे बॉडी का चेकअप किया जा रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक़ प्रसाद के शरीर में टॉक्सिन की मात्रा तेज़ी से बढ़ रही है, वहीं ब्रेन में यूरिया की मात्रा बढ़ने से ब्रेन का कमांड लेवल सही तरीक़े से काम नहीं कर रहा है जिसके कारण बॉडी की मूवमेंट बंद हो गया है. डॉक्टरों ने बताया कि ऐसी स्तिथि में अकसर लोग कोमा में चले जाते हैं. बीपी और हार्ट रेट भी सामान्य नहीं है. तेजस्वी ने कहा कि हम डॉक्टरों से बात कर रहे हैं अगर स्तिथि यहाँ काबू नहीं हो पाएगी तो सिंगापुर ले जाया जाएगा. पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना करने की ज़रूरत है कि पिता जी जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाए.

पारस में नीतीश कुमार लालू यादव से मिले

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को पटना के पारस अस्पताल मिलने पहुँचे थे. मुख्यमंत्री ने हाल-चाल लिया और जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना की. वही दिल्ली एयरपोर्ट पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी प्रसाद से मिलने के लिए पहुँचे थे. राजद प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर एक फ़ोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि लालू यादव के रगों में बहने वाला खून एक-एक क़तरा जिस्मों में दौड़ती सासों की धड़कन हाशिए के आवाम के लिए समर्पित है. इस फ़ोटो में हेमंत सोरेन भी नज़र आए.

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