अंकित कुमार सिंह : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री “शिंजो आबे” को नारा शहर में एक सड़क पर सभा करने के दौरान बहुत बेरहमी से गोली मार दी गई. शिंजो आबे को दो गोलियां मारी गई है. एक उनके सीने में लगी है, तो दूसरी गोली पीछे से उनके गर्दन पर लगी है. गोली लगने के तुरंत बाद तत्काल में शिंजो को सीपीआर देकर जान बचाने की कोशिश की गई, लेकिन जापानी मीडिया के मुताबिक़ उनके शरीर का बहुत से महत्वपूर्ण अंग काम करना बंद कर चुका था. इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.
जापानी मीडिया के मुताबिक शिंजो आबे अपनी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक के उम्मीदवार का प्रचार करने के लिए नारा शहर पहुंचे थे. रैली के दौरान शिंजो आबे भाषण दे रहे थे. इसी दौरान हमलावरों ने पीछे से दनादन गोलियां बरसा दी. जिसके बाद शिंजो नीचे गिर गए, उनके गर्दन से बहुत खून बहने लगा. उनके सुरक्षा में बहुत सारे सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद थे, लेकिन वो उस अचानक हमले को रोकने में असमर्थ रहे. हालांकि हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
जापान के सबसे लोकप्रिय नेता थे आबे
शिंजो आबे जापान के सबसे लोकप्रिय नेता थे. इसके साथ ही वो जापान के सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले व्यक्ति भी थे. शिंजो पहली बार 2006 में प्रधानमंत्री बने लेकिन 2007 में स्वस्थ ठीक न होने के कारण इस्तीफा दे दिया. वो दोबारा 2012 में फिर से प्रधानमंत्री बने उसके बाद लगातार 2020 तक बने रहे. फिर 2020 में ही स्वस्थ कारणों का हवाला दे कर के उन्होंने फिर से इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री ना होते हुए भी सत्तारूढ़ पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक में काफ़ी प्रभाव था.
शिंजो आबे के दौर में भारत को मिला बुलेट ट्रेन
शिंजो का भारत से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं. वो सबसे ज्यादा बार भारत आने वाले जापानी प्रधानमंत्री थे. वो अब तक पीएम रहते हुए कुल 5 बार भारत आ चुके थे। पहली बार वो 2006 में पीएम बनने के बाद भारत आए थे. उसके बाद 2012, 2015, 2017, 2021 में आए थ. उन्होंने भारत में बहुत सारे उद्घाटन समारोह में भी हिस्सा लिया . 2017 में जब शिंजो भारत आये थे, तो वो पीएम मोदी के साथ अहमदाबाद में साबरमती आश्रम घूमे उसके बाद भारत को पहली बुलेट ट्रेन बनाने के लिए आर्थिक, और तकनीकी सहयोग देने का वादा किया था.
जापान में गन क़ानून सख़्त
जापान का गन कानून पूरी दुनियां में सबसे सख़्त माना जाता है. यहां की आबादी लगभग साढ़े 12 करोड़ के आस पास की है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां सबसे कम लोग गन से मारे जाते हैं. जापान में गन का लाइसेंस मिलना बहुत जटिल और लंबी प्रक्रिया है. ऐसे गोली कांड के बाद तो अब वहां के गन कानून के ऊपर भी सवाल उठ सकते हैं. हालांकि आपको बता दें, जिस बंदूक से शिंजो आबे के ऊपर गोली चली है वो एक शॉर्ट गन थी, और उसे लोकल बाज़ार में बनाया गया था.