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रोहतास पत्रिका/सासाराम: स्वास्थ्य विभाग निरंतर ढांचागत सुविधाओं के नवीनीकरण एवं समुचित प्रबंधन में जुटा है। अब जिला स्वास्थ्य विभाग एसएनसीयू को और बेहतर करने में लगा हुआ है ताकि विपरीत परिस्थितियों में भी एसएनसीयू का बेहतर संचालन किया जा सके और नवजात बच्चों को उचित इलाज का जो जिम्मा एसएनसीयू पर है उसे और बेहतर तरीके से संपादित किया जा सके।

पिछले दिनों सासाराम सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू का सभी एसी अचानक खराब हो गया था जिससे एसएनसीयू में अफरातफरी के माहौल बन गई थी, हालांकि शाम होते होते जिला स्वास्थ समिति ने रेडिएंट वार्मर वाले विभाग का एसी को दुरुस्त करा लिया तब जाकर स्थिति सामान्य हुई। एसएनसीयू में पुनः ऐसी स्थिति ना हो इसको लेकर जिला स्वास्थ समिति लगातार प्रयासरत है।

सदर अस्पताल के एसएनसीयू में 19 रेडिएंट वार्मर की सुविधा

सासाराम सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में कुल 19 रेडियंट वार्मर की सुविधा उपलब्ध है, जहां जन्म के दौरान कमजोर बच्चों को भर्ती किया जाता है। वर्तमान में 15 रेडिएंट वार्मर कार्यरत है और चार रेडिएंट वार्मर में वोल्टेज फ्लकचुएट होने की वजह से तकनीकी खराबी आ गई है जिसको दुरुस्त कराने के लिए भी विभाग को सूचित किया जा चुका है।

बदले जाएंगे पुराने एसी

एसएनसीयू में मौजूद 6 से 7 वर्ष पुराने एसी को बदला जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए जिला स्वास्थ समिति के डीपीएम संजीव मधुकर ने बताया कि एसएनसीयू में लगाए गए कुछ एसी 6 से 7 साल पुराने हो चुके हैं और उसमें तकनीकी खराबी भी आ चुकी है जिसको दुरुस्त करने में काफी पैसे खर्च हो रहे हैं। ऐसे में विभाग ने सभी पुराने एसी को बदलने का निर्णय लिया है, ताकि तकनीकी खराबी से बचा जा सके।

डीपीएम ने बताया कि एसएनसीयू के लिए 5 नए एसी मंगाने की कवायद शुरू हो गई है और जल्द पीएसएसयू में नया एसी लगाया जाएगा। डीपीएम ने बताया कि फिलहाल एसएनसीयू का एसी काम कर रहा है और एसएनसीयू पहले की तरह सामान्य कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिला स्वास्थ्य समिति स्वास्थ्य विभाग में सभी सुविधाओं को बेहतर करने को लेकर प्रयासरत है।

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Blood donation camp
  • रक्तदान कर लोगों की बचाई जा सकती है जिंदगियां: सिविल सर्जन

रोहतास पत्रिका/सासाराम: विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर मंगलवार को सासाराम सदर अस्पताल के ब्लड बैंक के साथ साथ बेदा स्थित महिला पुलिस लाइन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। सासाराम सदर अस्पताल में रक्तदान शिविर का उद्घाटन रोहतास सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार ने फीता काटकर किया।

वहीं रक्तदान शिविर में रक्त दान करने पहुंचे युवाओं को सिविल सर्जन ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया और रक्तदान के प्रति युवाओं की सहभागिता को देखते हुए काफी प्रभावित हुए और उन्होंने युवाओं का हौसला बढ़ाया। सिविल सर्जन ने कहा कि रक्तदान हमें अवश्य करना चाहिए, क्योंकि रक्तदान करने से कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि रक्त बनाए नहीं जाते हैं बल्कि एक दूसरे के सहयोग से ही रक्त को किसी जरूरतमंद व्यक्ति को उपलब्ध कराया जा सकता है इसलिए जब भी मौका मिले तो रक्तदान जरूर करवाएं। सिविल सर्जन ने बताया कि अट्ठारह से 65 वर्ष के स्वस्थ व्यक्ति अपना रक्तदान करा सकते हैं। उद्घाटन अवसर पर सिविल सर्जन डॉक्टर अखिलेश कुमार के अलावा एसीएमओ डॉ अशोक कुमार, एनसीडीओ डॉक्टर के एन तिवारी, डीपीसी संजीव मधुकर, सासाराम सदर अस्पताल के उपाधीक्षक श्री भगवान सिंह, ब्लड बैंक की एम ओ डॉक्टर संध्या कुमारी के अलावा अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।

पहली बार रक्तदान कर रहे युवाओं में उत्साह

14 जून मंगलवार को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सासाराम सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। रक्तदान शिविर को लेकर युवाओं में उत्साह देखा गया और युवा स्वेक्षा से रक्तदान करने के लिए रक्तदान केंद्र पर पहुंच कर रक्तदान किया। साथ ही रक्तदान को लेकर लोगों के मन में फैले भ्रम को भी युवाओं ने दूर करते हुए रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। रक्तदान शिविर में कुछ ऐसे भी रक्तदाता मौजूद थे जिन्होंने पहली बार रक्तदान करते हुए लोगो के मन मे रक्तदान को लेकर बैठे डर को दूर किया।

• सासाराम के चौखंडी निवासी 26 वर्षीय मो. नेहाल विश्व रक्तदाता दिवस पर पहली बार रक्तदान करने पहुँचे। उन्हीने बताया कि रक्तदान को लेकर वो काफी उत्साहित हैं। रक्तादान करने का मुख्य मकसद लोगों की जिंदगी को बचाना है। उन्होंने इसके लिए अन्य लोगों को भी आगे आने के लिए अपील किया।

• सासाराम के गौरक्षणी निवासी 25 वर्षीय अभिषेक आनंद ने भी विश्व रक्तदाता सिवस के अवसर पर पहली बार अपना रक्तदान किया। उन्होंने कहा कि रक्त देने में डर लगता था परन्तु कुछ दोस्तों ने बताया कि डरने की कोई बात नही हैं। उनके कई दोस्त अक्सर रक्त दान करते है इसलिए उन्होंने भी रक्तदान करने के लिए सोच और रक्तदान करने पहुचे है।

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Rohtas Patrika
  • कुष्ठ को फैलने से रोकने के लिए रिफैम्पिसिन का सिंगल डोज जरूरी
  • जागरूकता एवम ससमय पहचान से कुष्ठ रोग से मुक्ति संभव

रोहतास पत्रिका/सासाराम: कुष्ठ रोग एक लाइलाज बीमारी है। यदि समय रहते इसकी पहचान कर के इलाज शुरु किया जा तो कुष्ठ रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है। लेकिन समाज में अभी भी कुष्ठ रोग को लेकर लोगों के मन में भ्रांति एवं संकोच बने हुए हैं जिसकी वजह से जिले में कुष्ठ मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और इस बीमारी से लोग अपंग भी हो रहे हैं। यही वजह है कि कुष्ठ रोग जहां पहले बड़ो एवं बुजुर्गों तक सीमित था वही अब कुष्ठ रोग से धीरे-धीरे बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं।

रोहतास जिले में लगातार कुष्ठ रोग से संक्रमित बच्चे मिल रहे हैं। जिसका मुख्य वजह उक्त बच्चे के आसपास या घर में कुष्ठ रोग से संक्रमित व्यक्ति का होना माना जा रहा है। रोहतास जिला कुष्ठ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अप्रैल एवं मई में 2 नए कुष्ठ रोग से पीड़ित बच्चे पाए गए हैं जिनका इलाज किया जा रहा हैं।

अधिक समय से सम्पर्क में आने से फैलता है बीमारी

कुष्ठ रोग वैसे तो छुआछूत की बीमारी नहीं है फिर भी ऐसा माना जाता है कि कुष्ठ से पीड़ित मरीज के संपर्क में लंबे समय तक आने से यह बीमारी दूसरों में फैलने की संभावना बनी रहती है। इसकी जानकारी देते हुए रोहतास जिला कुष्ठ विभाग के चिकित्सा सहायक जय प्रकाश राजभर ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कुष्ठ से पीड़ित मरीज के काफी समय से संपर्क में आता है तो ऐसे में दूसरे को भी होने का खतरा बना रहता है।

इसी की रोक थाम के लिए 2 साल के ऊपर के बच्चे को सिंगल डोज रिफैम्पिसिन दिया जाता है जिससे कुष्ठ का खतरा कम हो जाता है। उन्होंने बताया कि यह दवा खास कर उनलोगों को दी जाती है जिनके घर मे कोई कुष्ठ के मरीज हैं। साथ ही उक्त मरीज के आसपास रहने वाले लोगों को भी दवाई दी जाती है। उन्होंने बताया कि यह सरकार द्वारा आयोजित अभियान के तहत डोज खिलाया जाता है ताकि उस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।

कुष्ठ बीमारी को बताने में न करें संकोच: एसीएमओ

एसीएमओ सह कुष्ठ विभाग की नोडल पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कुष्ठ बीमारी को तो ठीक नहीं किया जा सकता परंतु समय से पहचान कर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति में कुष्ठ के लक्षण दिखाई देते हैं तो बिना संकोच किये अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में जितना जल्दी हो संपर्क करें, जिससे उस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके।

एसीएमओ ने बताया कि कुष्ठ रोग को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा हैं जिससे लोगों में जागरूकता आई है। कुष्ठ बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए सरकार दृढसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं है परंतु सावधानी जरुरी है। जागरूकता की वजह से लोग अब कुष्ठ बीमारी को लेकर खुल कर बात कर रहें हैं जिससे कुष्ठ को जड़ से मिटाने में काफी हद तक सहयोग मिल रहा है।

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TB Patient in Sasaram
  • दूसरे राज्य में जाने से पूर्व नए स्थान की देनी होगी जानकारी
  • इलाजरत अस्पताल से संबंधित जगह के अस्पताल को भेजी जाती है मरीज की जानकारी

रोहतास पत्रिका/सासाराम: देश से टीबी को जड़ से मिटाने को लेकर लगातार केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा भी अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावे लोगों को जागरूक करके टीबी बीमारी से संबंधित जानकारी और इलाज को लेकर उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही अभियान के तहत टीबी संक्रमित मरीजों को सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।

2025 तक टीवी को जड़ से खत्म करने का अभियान चलाया जा रहा है ऐसे में देश के सभी राज्यों मैं इस्थित सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच एवं दवाइयां प्रदान की जा रही है। किसी भी जिले के सरकारी अस्पताल में रजिस्टर्ड टीबी संक्रमित मरीज किसी अन्य राज्य के सरकारी अस्पताल में भी नि:शुल्क सुविधा ले सकता है। यह सुविधाएं माइग्रेंट लोगों के लिए बेहतर विकल्प बन के सामने आ रहा है।

किसी भी सरकारी अस्पताल में पंजीकृत होना जरूरी: सीडीओ

सासाराम सदर अस्पताल स्थिति टीबी विभाग के सीडीओ डॉ राकेश कुमार ने बताया कि टीबी बीमारी से संक्रमित मरीज को किसी भी राज्य के सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज किया जाता है। यदि कोई रोहतास जिले का निवासी है और टीबी से संक्रमित है और वह पढ़ाई या काम के सिलसिले में दूसरे राज्य जाना चाहता है तो उसे दूसरे राज्यों के सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क उपचार कराने के लिए उसे अपने जिले के अस्पताल को सूचित करना होता है जहाँ से उसका इलाज चल रहा है।

उन्होंने बताया कि टीबी संक्रमित मरीज को वर्तमान जगह पर स्थित सरकारी अस्पताल में पंजीकृत होना जरूरी होता है। यदि किसी मरीज का सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है और वह किसी कारण से दूसरे राज्य या जिला में जाना चाहता है तो ऐसे में उसे वर्तमान के सरकारी अस्पताल में सारी जानकारी देनी होगी की किस राज्य के किस शहर में जा रहा है। ऐसी स्थिति में उक्त व्यक्ति की सारी जानकारी वहां के संबंधित अस्पताल के टीबी विभाग को भेजी जाती है और वहां मरीज कक पहुंच कर अपनी आईडी प्रस्तुत करनी होती है और वहां पर उसका इलाज शुरू हो जाता है।

भेजना होता है पूर्ण जानकारी

डॉ राकेश कुमार ने बताया कि जब टीवी संक्रमित मरीज दूसरे राज्य या जिले में जाना चाहता है तो ऐसे में उक्त मरीज की पूरी जानकारी अगले राज्य या जिले में स्थित सरकारी अस्पताल को भेजी जाती है। जिसमें जांच के साथ-साथ टीवी का स्टेज और वर्तमान में चल रहे दवा की जानकारी के साथ-साथ पंजीकरण संख्या भेजी जाती है। जब वह व्यक्ति उक्त अस्पताल में जाता है तो अपना पंजीकरण संख्या बताता है और वहां से उसकी इलाज वहीं से शुरू होता है जहां तक पहले इलाज किया जा चुका है।

मिलती है सारी सुविधाएं

सीडीओ ने बताया कि उक्त मरीज को जो सुविधाएं वर्तमान के अस्पताल में प्रदान की जा रही थी वही सुविधाएं उसे वहां भी प्रदान की जाएगी। दवा के साथ-साथ सभी जांच वहां भी निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि दूसरे राज्य के मरीज हमारे जिले में भी आते हैं तो वहां के जिला यही प्रक्रिया अपनाकर उन्हें यहां भेजता है और उस व्यक्ति का इलाज यहां प्रारंभ कर दी जाती है।

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vaccination centers
  • पुनः 9 जून को चलाया जाएगा कोविड टीकाकरण महाअभियान

रोहतास पत्रिका/सासाराम: कोरोना संक्रमण की संभावित चौथी लहर को देखते हुए सरकार पूरी तरह से अलर्ट पर है। संक्रमण के दौरान किसी प्रकार की कोई चूक ना हो इसको लेकर लगातार तैयारियां की जा रही है। साथ ही साथ संक्रमण से बचाव को लेकर जारी टीकाकरण अभियान को भी गति दी जा रही है, ताकि जल्द से जल्द सभी लोगों को शत प्रतिशत टीकाकरण किया जाए।

मंगलवार को कोविड टीका का महाअभियान चलाया गया ताकि टीका से वंचित लोगों को टीकाकरण किया जा सके। इस महा अभियान में खासकर दूसरे एवं प्रिकॉशन डोज पर बल दिया जा रहा है। पुनः यह अभियान 9 जून को चलाया जाएगा। टीकाकरण अभियान को लेकर रोहतास जिले में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 9 टू 9 टीकाकरण केंद्र के अलावा कुल 234 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं ताकि इस महाअभियान में कोई भी लाभार्थी छूटे नहीं और बेहतर परिणाम पाया जा सके।

जिले में अबतक 37.23 लाख से अधिक लोगों ने लिया टीका

कोविड टीकाकरण अभियान की शुरुआत से लेकर अब तक रोहतास जिले में कुल 37 लाख 23 हज़ार से अधिक लोगों को टीकाकरण किया जा चुका है। बता दें कि रोहतास जिले में कुल 25 लाख 60 हज़ार 176 लोगों को लक्षित किया गया था जिसके विरूद्ध 19 लाख 96 हज़ार 132 लोगों को प्रथम डोज का टीकाकरण किया जा चुका है।

वहीं दूसरे डोज के लक्षित 19 लाख 75 हजार 360 के विरुद्ध 16 लाख 79 हज़ार 195 लोगों को टीकाकरण किया जा चुका है। वही 1 लाख 46 हजार 243 बूस्टर डोज के विरुद्ध 48418 लोगों को टीकाकरण किया जा चुका है। वही महाअभियान के दौरान दोपहर दो बजे तक 3409 लोगों को टीकाकरण किया जा चुका था।

कोरोना से लोगों को सुरक्षित रखना मुख्य मकसद: डीआईओ

रोहतास डीआईओ डॉक्टर आरकेपी साहू ने कहा कि कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाना हम लोगों का मुख्य मकसद है। इसको लेकर सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार सभी कार्यों को पूर्ण रूप से संपादित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण को पूर्ण कराने के लिए 7 एवं 9 जून को टीकाकरण महाअभियान चलाया जा रहा है। जिसमें छूटे हुए लोगों के साथ-साथ दूसरे एवं प्रिकॉशन डोज का समय पूर्ण हो चुके लोगों को टीकाकरण किया जाएगा।

पंचायत स्तर पर बनाए गए थे टीकाकरण केंद्र 

सभी प्रखंडों में पंचायत स्तर से लेकर गांव एवं वार्ड स्तर पर टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। डॉ साहू ने लोगों से अनुरोध किया कि जिन लोगों ने अभी तक कोविड का एक भी टीका नही लगाया है, वैसे लोग अपने नजदीकी केंद्र पर जाकर टीकाकरण करवा लें। साथ ही जिनलोगों का दुसरे एवं प्रिकॉशन डोज का समय पूर्ण हो गया है वे लोग भी अपना डोज जरूर ले लें।

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