- कुष्ठ को फैलने से रोकने के लिए रिफैम्पिसिन का सिंगल डोज जरूरी
- जागरूकता एवम ससमय पहचान से कुष्ठ रोग से मुक्ति संभव
रोहतास पत्रिका/सासाराम: कुष्ठ रोग एक लाइलाज बीमारी है। यदि समय रहते इसकी पहचान कर के इलाज शुरु किया जा तो कुष्ठ रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है। लेकिन समाज में अभी भी कुष्ठ रोग को लेकर लोगों के मन में भ्रांति एवं संकोच बने हुए हैं जिसकी वजह से जिले में कुष्ठ मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और इस बीमारी से लोग अपंग भी हो रहे हैं। यही वजह है कि कुष्ठ रोग जहां पहले बड़ो एवं बुजुर्गों तक सीमित था वही अब कुष्ठ रोग से धीरे-धीरे बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं।
रोहतास जिले में लगातार कुष्ठ रोग से संक्रमित बच्चे मिल रहे हैं। जिसका मुख्य वजह उक्त बच्चे के आसपास या घर में कुष्ठ रोग से संक्रमित व्यक्ति का होना माना जा रहा है। रोहतास जिला कुष्ठ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अप्रैल एवं मई में 2 नए कुष्ठ रोग से पीड़ित बच्चे पाए गए हैं जिनका इलाज किया जा रहा हैं।
अधिक समय से सम्पर्क में आने से फैलता है बीमारी
कुष्ठ रोग वैसे तो छुआछूत की बीमारी नहीं है फिर भी ऐसा माना जाता है कि कुष्ठ से पीड़ित मरीज के संपर्क में लंबे समय तक आने से यह बीमारी दूसरों में फैलने की संभावना बनी रहती है। इसकी जानकारी देते हुए रोहतास जिला कुष्ठ विभाग के चिकित्सा सहायक जय प्रकाश राजभर ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कुष्ठ से पीड़ित मरीज के काफी समय से संपर्क में आता है तो ऐसे में दूसरे को भी होने का खतरा बना रहता है।
इसी की रोक थाम के लिए 2 साल के ऊपर के बच्चे को सिंगल डोज रिफैम्पिसिन दिया जाता है जिससे कुष्ठ का खतरा कम हो जाता है। उन्होंने बताया कि यह दवा खास कर उनलोगों को दी जाती है जिनके घर मे कोई कुष्ठ के मरीज हैं। साथ ही उक्त मरीज के आसपास रहने वाले लोगों को भी दवाई दी जाती है। उन्होंने बताया कि यह सरकार द्वारा आयोजित अभियान के तहत डोज खिलाया जाता है ताकि उस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
कुष्ठ बीमारी को बताने में न करें संकोच: एसीएमओ
एसीएमओ सह कुष्ठ विभाग की नोडल पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कुष्ठ बीमारी को तो ठीक नहीं किया जा सकता परंतु समय से पहचान कर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति में कुष्ठ के लक्षण दिखाई देते हैं तो बिना संकोच किये अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में जितना जल्दी हो संपर्क करें, जिससे उस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके।
एसीएमओ ने बताया कि कुष्ठ रोग को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा हैं जिससे लोगों में जागरूकता आई है। कुष्ठ बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए सरकार दृढसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं है परंतु सावधानी जरुरी है। जागरूकता की वजह से लोग अब कुष्ठ बीमारी को लेकर खुल कर बात कर रहें हैं जिससे कुष्ठ को जड़ से मिटाने में काफी हद तक सहयोग मिल रहा है।