Sanjeev Kumar

मैं रोहतास पत्रिका के साथ ईमानदार पत्रकारिता करने की कोशिश कर रहा हूँ, जिसका सरोकार आम जनता से है। अभी तक का मेरा सफ़र एक डिजिटल जर्नलिस्ट के तौर पर रहा है। मुझे क्राइम से जुड़ें घटनाओं पर लिखना पसंद है।

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Darigaon Thana

रोहतास पत्रिका/सासाराम: दरिगांव थाना क्षेत्र से एक 28 वर्षिय महिला का अधजला शव बरामद किया गया है। घटना थाना क्षेत्र के मुड़ीसराय गांव की बताई जाती है। मिली जानकारी के अनुसार मुड़ीसराय गांव अंतर्गत दुर्गावती जलाशय नहर के पूरबी छोर पर शुक्रवार की सुबह गांव की महिलाएं शौच करने के लिए निकली हुई थी, तभी उनकी नजर अधजली महिला के शव पर पड़ी।

अधजली शव को देखकर स्थानीय महिलाएं भयभीत हो गई और शोर मचाना शुरू कर दिया। गांव में खबर आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। गांव के लोगों ने इसकी सूचना तत्काल रूप से स्थानीय थाना को दिया। मौके पर पहुंची थाने की पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेते हुए उसकी जांच पड़ताल करनी शुरू कर दी। फिलहाल खबर लिखे जाने तक शव की पहचान नहीं हो पाई है।

क्या कहते है थानाध्यक्ष

इस संबंध में दरिगांव थानाध्यक्ष संतोष सिंह ने बताया कि मुड़ीसराय के लोगों ने अज्ञात शव मिलने की सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेते हुए आसपास से जानकारी इकट्ठा करने का प्रयास किया परंतु कुछ जानकारी नहीं मिल पाया है। शव वहां कैसे पहुंचा, इसकी भी जानकारी नहीं मिल पाई है।

थानाध्यक्ष ने बताया कि शव को अपने कब्जे में लेते हुए फिलहाल पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। महिला की मृत्यु कैसे हुई वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मालूम चल पाएगा। फिलहाल शव की पहचान करने की कोशिश की जा रही। आसपास के थानों से गुम हुई महिलाओं की जानकारी इकट्ठा किया जा रहा हैं।

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Nikshay Mitra

रोहतास पत्रिका/सासाराम: सदर अस्पताल स्थित जिला यक्ष्मा केंद्र में शनिवार को टीबी पीड़ित गरीब एवं जरूरतमंद पांच मरीजों के बीच निक्षय मित्र के तहत खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। यक्ष्मा विभाग के डॉ कन्हाई महतो सहित डब्ल्यू एच ओ के बिहार मेडिकल कंसलटेंट डॉ राजीव एन सेथुमाधवन, रिदम पब्लिक स्कूल के निदेशक अरविंद कुमार, वार्ड 14 के वार्ड पार्षद बृजनंदन सिंह एवं समाजसेवी गोविंद कुमार ने निक्षय मित्र बनकर पांच टीबी मरीजों को गोद लिया है।

इनके द्वारा लगातार 6 महीने तक उक्त टीबी मरीज को पोषण आहार के रूप में खाद्य सामग्री उपलब्ध करायी जाएगी । इसी के तहत शनिवार को रोहतास के सिविल सर्जन की अध्यक्षता एवं जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार की देख रेख में कुल पांच टीबी मरीजों में खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ के एन तिवारी ने कहा कि यह सरकार की अच्छी पहल है। यदि टीबी पीड़ित मरीजों को गोद लिया जाए और थोड़ी सहायता की जाए तो हमलोग जिले से टीबी बीमारी को मिटाने में अहम योगदान निभा सकते हैं। सिविल सर्जन से कहा कि टीबी मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। ऐसे में दवा के साथ साथ सही पोषन मिले तो वो टीबी बीमारी से लड़ने में मदद करेगा।

सिविल सर्जन सहित अन्य लोगों ने नए टीबी मरीज को लिया गोद

निक्षय मित्र बन टीबी मरीजों को पोषण सहायता उपलब्ध कराने के बाद सिविल सर्जन डॉ के एन तिवारी ने भी एक नए टीबी मरीज को गोद लेने की घोषणा की । उन्होंने कहा कि वो भी एक टीबी मरीज को गोद लेकर पोषण आहार के रूप में खाद्य सामग्री उपलब्ध करायेंगे। वहीं कार्यक्रम में मौजूद यक्ष्मा विभाग के वरीय यक्ष्मा प्रयोगशाला पर्यवेक्षक ज्ञानेंद्र कुमार ने भी एक नए टीबी मरीज को गोद लेने की घोषणा की। इनलोगों के द्वारा आगामी 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर टीबी मरीजों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।

कोई भी बन सकता है निक्षय मित्र

पोषण सहायता सामग्री वितरण कार्यक्रम में मौजूद जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि यक्ष्मा उन्मूलन को लेकर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई है। इसके लिए सरकार द्वारा टीबी से पीड़ित मरीजों को पोषण के लिए सरकार द्वारा प्रतिमाह 500 की राशि प्रदान की जाती है। इसके अलावा सरकार द्वारा निक्षय मित्र कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। जिसके तहत समाज के सक्षम व्यक्तियों, जनप्रतिनिधियों, मुखिया, वार्ड पार्षद, विधायक, सांसद, सरकारी एवं निजी कार्यालय में कार्यरत लोग, एन जी ओ सहित सामाजिक कार्यकर्ता टीबी के मरीज को गोद ले कर उसके पोषण में सहयोग कर सकते है।

इस मौके पर सदर अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ कन्हाई महतो, कार्यकारी अधीक्षक सदर अस्पताल डॉ श्री भगवान सिंह मौजूद रहे। वहीं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला यक्ष्मा केंद्र के डीईओ शेखर कुमार श्रीवास्तव, डीपीएस आदित्य आकाश, एसटीएलएस शाहिद एहसान के अलावा विभाग की सुधा कुमारी, ममता कुमारी, राहुल कुमार, अशोक कुमार, अतुल कुमार सिन्हा, संजय श्रीवास्तव, मुन्ना कुमार सिंह, भोला कुमार, आशीष श्रीवास्तव का अहम योगदान रहा।

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Albendazole

रोहतास पत्रिका/सासाराम: 16 मार्च को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के पूर्व बुधवार को सासाराम फजलगंज स्थित डायट के अभ्यास विद्यालय में कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार एवं डीआईओ डॉ आर के पी साहू ने मध्य विद्यालय फजलगंज के बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर किया। कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए एसीएमओ डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कभी कभी बच्चों के पेट मे कीड़े हो जाते हैं। जिससे बच्चों की पाचन क्रिया कमजोर हो जाती और धीरे धीरे बच्चे एनीमिया के शिकार हो जाते हैं। क्योंकि पेट मे मौजूद कृमि शरीर में मौजूद खून को अपना भोजन बनाते हैं। उन्होंने बताया कि अल्बेंडाजोल की एक खुराक कृमि से मुक्ति दिलाता है। एसीएमओ ने बताया कि 16 मार्च को पूरे जिले में एक साथ कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी और 1 से 19 आयु वर्ग वाले बालक बालिकाओं को दवा खिलाई जाएगी। वहीं 16 मार्च को छूटे हुए बच्चों को 20 मार्च को मॉप अप दिवस पर अल्बेंडाजोल की खुराक खिलाई जाएगी।

जिले में 16.90 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल की खुराक

कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम में रोहतास जिले में 16 लाख 90 हज़ार 675 से अधिक बच्चों को अल्बेंडाजोल की खुराक खिलाई जाएगी। जिसमें 1 से 2 वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाई जाएगी, जबकि 3 वर्ष से अधिक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। यह गोली स्वास्थ्यकर्मी अपने सामने खिलाएंगे। इसके लिए जिले के सभी 3236 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 9 लाख 35 हज़ार 13 अल्बेंडाजोल की गोली उपलब्ध करा दी गई। वहीं सरकारी एवं निजी विद्यालयों में 7 लाख 37 हज़ार 662 अल्बेंडाजोल की गोली उपलब्ध कराई गई है।

शत-प्रतिशत बच्चों को दवा खिलाने के रखा गया लक्ष्य

डीआईओ डॉ आर के पी साहू ने कहा कि जिले में शत प्रतिशत बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकारी स्कूल, निजी स्कूल, केंद्रीय विद्यालय एवं इंजीनियरिंग कॉलेज के बच्चों को दवा खिलाई जाएगी। वहीं ज़िला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार ने कहा कि सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य को बच्चों को दवा खिलाने के लिए दिशा निर्देश दे दिया गया है। 16 मार्च को सभी विद्यालयों के बच्चों को शत प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भी निर्देश जारी कर दिया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीपीसी संजीव मधुकर ने की । मौके पर डीपीएम अजय कुमार, डीसीएम चन्दा कुमारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएचएम प्रवीण कुमार, बीसीएम ममता कुमारी, यूनिसेफ के एसएमसी असजद इकबाल सागर, दिवाकर पाठक, एडीपीसी राजदेव प्रसाद,एपीओ जियाउल हक, एपीओ रामभजन राम, मध्य विद्यालय फजलगंज के प्रधानाचार्य मनोज कुमार, कृमि विभाग के चंद्रभान दुबे, डीपीएम जीविका सहिय अन्य मौजूद रहे।

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Suman

रोहतास पत्रिका/सासाराम: मातृ- शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा लगातार नए-नए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं । इन कार्यक्रमों से मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी के अप्रत्याशित लाभ भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में इस तरह के कार्यक्रमों को और अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। मातृ शिशु मृत्यु दर में और कमी लाने को लेकर सरकार द्वारा सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना संचालित है। जिसके तहत गर्भवती महिलाओं के साथ साथ प्रसव के 6 महीने तक धात्री महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के अलावा 0 से लेकर 6 वर्ष के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया है। जैसा कि हम जानते हैं कि प्रसव के पूर्व और प्रसव के बाद माता और शिशुओं को अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता होती है।

उचित देखभाल और सुविधा के अभाव में कई गर्भवती महिलाएं अपनी जान खो देती हैं । गर्भवती महिलाओं की होने वाली इसी मृत्यु को रोकने के लिए सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला एवं धात्री महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं फ्री में प्रदान करनी है। सुमन योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के 6 माह बाद तक फ्री में स्वास्थ्य लाभ दिया जाएगा। किसी महिला के अस्पताल में आने के बाद उसे प्रशिक्षित नर्स की निगरानी में लाया जाएगा और उसके तथा उसके शिशु के स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी।

सुमन योजना के तहत मिलेगी कई सुविधाएं

गर्भवती महिलाओं के साथ साथ धातृ महिला व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ धात्री महिलाओं और नवजात शिशुओं को कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। योजना के अंतर्गत आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंट कराने की पूरी जिम्मेवारी अस्पताल की होगी। इसके अलावा महिला के गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की जटिलता की स्थिति में सी सेक्शन की फ्री सुविधा प्रदान करना, गर्भावस्था और शिशु के पैदा होने के बाद पूरी देखभाल करना, महिला को घर से अस्पताल तक निःशुल्क परिवहन सुविधा प्रदान करना, आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं का प्रसव से पूर्व होने वाली टेस्ट का खर्च वहन करने के अलावा केंद्र सरकार, प्रसव नार्मल अथवा ऑपरेशन होने पर अस्पताल के सभी खर्च का भुगतान करेगी। साथ ही सरकार प्रसव के बाद 6 महीने तक बच्चों, महिला के लिए दवाइयों का इंतजाम करेगी। प्रसव में किसी तरह की परेशानी होने पर उपचार की आवश्यकता होने पर सरकार सभी खर्च का भुगतान करेगी। इसके अलावा भी कई सुविधाएं शामिल हैं।

गर्भवती महिला व नवजात की जान बचाना मुख्य मकसद

डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि सुविधाओं के अभाव में अथवा गर्भावस्था के दौरान उचित खान-पान नहीं मिलने से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य बुरा असर पड़ता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं की जान भी चली जाती है। इसके लिए सरकार ने सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत गर्भावस्था से प्रसव 6 महीने बाद तक निःशुल्क स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया जा रहा है। डीपीसी ने बताया कि इस योजना के तहत अस्पतालों या प्रशिक्षित नर्सों की निगरानी में महिलाओं का प्रसव कराया जा रहा एवं मां और उसके बच्चे के स्वास्थ्य की उचित देखभाल की जा रही है।

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meeting

रोहतास पत्रिका/सासाराम: बिहार राज्य जैव विविधता पार्षद्, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्त्तन विभाग एवं रोहतास वन प्रमंडल द्वारा गुरुवार को स्थानीय फजलगंज स्थित मल्टीपरपस हाल में ग्राम पंचायत, प्रखण्ड एवं जिला स्तर पर गठित जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्षों का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद डॉ के गणेश, बिहार राज्य जैव विविधिता पार्षद्, पटना एवं रोहतास जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार को वन प्रमंडल पदाधिकारी रोहतास के द्वारा औषधीय पौधा देकर सम्मानित किया गया।

इस तकनिकी सत्र में बिहार राज्य जैव विविधता पार्षद से आये उप-निदेशक सुनील कुमार सिन्हा, विशेषज्ञ, वैज्ञानिक ( उद्यान), कृशि विज्ञान केन्द्र, बिक्रमगंज, रोहतास डॉ रतन कुमार, मनीश कुमार वर्मा, वन प्रमंडल पदाधिकारी – सह – नोडल पदाधिकारी, रोहतास वन प्रमंडल, भावेश कुमार, जीआईएस, राज्य परियोजना प्रबंधक / जल एवं स्वच्छता, पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार द्वारा सभी अध्यक्षों एवं जनता को जैव विविधता अधिनियम, 2002 एवं संशोधित नियमावली का सामान्य परिचय देते हुये उद्देश्य को बताया गया। साथ ही जैव विविधता प्रबंधन समिति के कार्य एवं लोक जैव विविधता पंजी के निर्माण में भूमिका एवं इसकी महत्ता से अवगत कराया गया ।

एक्सेस एवं बेनिफिट शेयरिंग (एबीएस) द्वारा जैव विविधता प्रबंधन समिति से होने वाले यदे की विस्तृत जानकारी दी गई तथा विरासत वृक्षों का सर्वेक्षण हेतु जानकारी भी दी गई। जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया की इस तकनिकी सत्र से जैव विविधता प्रबंधन समिति के निर्माण की क्षमता, जैव विविधता संरक्षण, जैव विविधता के घटकों का सत्त उपयोग, अनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों का उचित एवं न्यायसंगत साझाकरण की सुविधा प्राप्त होगी। इस तकनिकी सत्र से स्थानीय आबादी तक पहुँच एवं लाभ साझाकरण का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही लोक जैव विविधता पंजी की मदद से हो रहे आवासीय परिवर्त्तन, वनों को समझना एवं उसका आकलन करने में सहायक होगा। डीएफओ ने बताया की इस रजिस्टर में क्षेत्रों के पौधों, खाद्य श्रोतों, वन्यजीवों, औषधी श्रोतों आदि में जैव विविधता का पूर्ण प्रलेखन दर्ज होगा।

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