पटना: जातिगत जनगणना को लेकर सभी पार्टियों की सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. ये बैठक पटना में आयोजित हुआ था. जहां RJD का प्रतिनिधित्व तेजस्वी यादव कर रहे थे. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिल को अगली कैबिनेट बैठक में लाने और नवंबर के महीने में इसे शुरू करनी चाहिए. उनका आगे कहना था कि छठ पुजा में बिहार से बाहर रहने वाले कई लोग घर आते हैं इस समय आकड़े सही प्राप्त होंगे, और पर्याप्त समय भी तैयारी करने के लिए मिल जाएगा. पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना है ना कि जनगणना, ये हमारी जीत है. बैठक के दौरान तेजस्वी ने बताया कि इसमें मानव शास्त्रियों को शामिल करने के लिए अपना सुझाव दिया है. इसे लेकर केन्द्र सरकार को आगे आना चाहिए और आर्थिक रुप से समर्थन करना चाहिए. ये फैसला बिहार के रहने वाले लोगों के हित में है.
नीतीश कुमार ने कही ये बात
बिहार प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार ने बैठक को लेकर अपनी खुशी जताई. उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना कराने के लिए केंद्र की अनिच्छा के बाद राज्य में “सभी जातियों और समुदायों का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण” करेगी. वही सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद, कुमार ने कहा कि विशाल अभ्यास के लिए आवश्यक कैबिनेट मंजूरी जल्द ही दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये खुशी के बात है कि सभी दलों के लोगों ने इस बैठक को लेकर सर्वसम्मति से समर्थन किया है.
बीजेपी से कौन-कौन शामिल
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और राज्य इकाई के प्रमुख संजय जायसवाल ने बैठक में भाग लिया. बीजेपी अपने केन्द्र के फैसले पर अडिग रही. इस बैठक को लेकर बीजेपी के नेताओं ने कैमरे से बचने की कोशिश की. जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी के कई नेता इसके हक में नहीं है लेकिन उनके भी अपनी मजबूरी है. आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर राज्य सरकार जातीय जनगणना कराना चाहती है तो राज्य सरकार स्वतंत्र है. केन्द्र सरकार के तरफ से कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिल पाएगी.