रोहतास पत्रिका/सासाराम: देश से कुष्ठ उन्मूलन को लेकर लगातार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसको लेकर राज्य स्तर से जिला स्तर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके लोगों को कुष्ठ के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। इसके उन्मूलन को लेकर भी उन्हें जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा कुष्ठ रोगियों की पहचान करके उनका समय से इलाज कर कुष्ठ को जड़ से मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के तहत सासाराम सदर के ओपीडी स्थित सभाकक्ष में दो दिवसीय कुष्ठ प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कुष्ठ प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए कुष्ठ नियंत्रण केंद्र के नोडल अधिकारियों को कुष्ठ की पहचान करने की जानकारी दी गई। दो दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीएफआईटी की तरफ से आए उमेश खरकर ने सभी प्रखण्ड के नोडल अधिकारियों को कुष्ठ की पहचान एवं लक्षण के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति के शरीर पर अचानक आए दाग एवं सुन्नपन की कैसे पहचान करें कि यह कुष्ठ की बीमारी है।
प्रखंड स्तर पर रोगी की पहचान कर जिला कुष्ठ नियंत्रण केंद्र भेजा जाता
जिला कुष्ठ नियंत्रण केंद्र में कार्यरत फिजियोथैरेपिस्ट एवं सहायक चिकित्सक जय प्रकाश राजभर ने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में कुष्ठ रोग को लेकर प्रखंड स्तर पर नोडल अधिकारी बनाए गए हैं जो कुष्ठ रोग की पहचान कर कुष्ठ के लक्षण दिखने वाले व्यक्तियों को सासाराम सदर अस्पताल स्थित जिला कुष्ठ नियंत्रण केंद्र के लिए रेफर करते हैं। जहां पर उक्त लोगों का जांच करके कुष्ठ रोग की पुष्टि की जाती है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग की पुष्टि होने पर कुष्ठ पीड़ितों को निःशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही साथ कुछ एक्सरसाइज बताए जाते हैं जिससे कुष्ठ रोग पर नियंत्रण पाया जा सके।
कुष्ठ रोगियों की पहचान जरूरी
जिला कुष्ठ नियंत्रण पदाधिकारी सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कुष्ठ उन्मूलन को लेकर सबसे जरूरी है रोगी की पहचान करना। उन्होंने बताया कि जिले में लगातार खोजी अभियान के माध्यम से कुष्ठ पीड़ित लोगों को खोजा जा रहा है, ताकि उनका समय से इलाज करके कुष्ठ बीमारी पर लगाम लगायी जाए। एसीएमओ ने यह भी बताया कि कुष्ठ रोग को लेकर लोगों में जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं । साथ ही साथ लोगों से अपील की जा रही है कि कुष्ठ पीड़ित मरीजों के प्रति नकरात्कम सोच न रख कर सकारात्मक सोच रखें और उन्हें उचित सलाह देकर इलाज कराने के लिए प्रेरित करें। मौके पर कुष्ठ नियंत्रण केंद्र के वीर कुमार सिंह भी मौजूद रहे ।