रोहतास पत्रिका/सासाराम: राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत सासाराम नगर निकाय के सदस्यों एवं पदाधिकारियों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन फजलगंज स्थित निजी होटल में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह एवं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ आरकेपी साहू ने किया| इसके पूर्व जिला शहरी स्वास्थ्य सलाहकार तारिक अनवर ने मुख्य अतिथियों को पौधा प्रधान करके उनका स्वागत किया।
कार्यशाला में आए सासाराम नगर निगम के वार्ड पार्षदों एवं उनके प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के बारे में बताते हुए एसीएमओ डॉ अशोक कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा इस मिशन की शुरुआत की गयी है। जिसका मुख्य मकसद शहरी क्षेत्रों के झुग्गी, झोपड़ी, मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचायी जाए।
उन्होंने बताया कि शहरी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों को कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। सासाराम शहरी क्षेत्र में बौलिया, तकिया एवं सागर में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर ओपीडी एवं प्राथमिक स्वास्थ्य के साथ-साथ निःशुल्क दवा की उपलब्धता, गर्भवती माता की प्रसव पूर्व जांच और धात्री माता की प्रसव पश्चात जांच की सेवाएं, संपूर्ण टीकाकरण सेवाएं, स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित सलाह परामर्श एवं रेफरल की सुविधा उपलब्ध हैं।
इसके अलावा उच्च जोखिम वाली बीमारियों की पहचान और समय पर रेफरल का प्रबंधन करना, उचित परिवार नियोजन के तरीकों और संबंधित वस्तुओं के वितरण के लिए रोगियों को परामर्श ,टीबी की पहचान एवं परामर्श, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर आदि लोगों की पहचान परामर्श के अलावा आरटीआई/एसटीआई मामलों की पहचान, परामर्श के अलावा एनीमिया की पहचान, प्राथमिक उपचार, परामर्श तथा बेसिक पैथोलॉजी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने सभी वार्ड सदस्य एवं प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि अपने क्षेत्र के लोगों को इन सेवाओं के प्रति जागरूक करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचाएं।
25 हज़ार रुपये का टीका मुफ्त
वहीं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ आरकेपी साहू ने मौजूद जनप्रतिनिधियों को बताया कि जन्म से 5 साल के बच्चों को 12 विभिन्न जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए कई प्रकार के टीके लगाए जाते हैं, जो पूरी तरह से निःशुल्क होते हैं। उन्होंने बताया कि इन टीकों को यदि प्राइवेट अस्पतालों में लिया जाए तो 25 से 30 हज़ार रुपए खर्च करने पड़ते हैं। जबकि वहीं सभी टीका सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह से निःशुल्क दिए जाते हैं।
डीआईओ ने कहा कि शहरी प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा सभी वार्डों में मौजूद आंगनबाड़ी केंद्रों में नियमित टीकाकरण प्रत्येक सोमवार और बुधवार को किया जाता है। सरकारी नर्सों को समय समय पर प्रशिक्षित किया जाता है इस तरह से सरकारी नर्स काफी प्रशिक्षित होती हैं। उन्होंने बताया कि आज भी टीकाकरण को लेकर कहीं-कहीं लोगों में जागरूकता की कमी देखी जा रही और लोगों को जागरूक करने में जनप्रतिनिधि अहम भूमिका निभा सकते हैं।
जनप्रतिनिधियों को स्वास्थ्य सुविधा की दी गई जानकारी
पीसीआई इंडिया के प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन लीड अजय कुमार ने वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों को राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के बारे में विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन सरकार द्वारा संचालित एक महत्वकांक्षी योजना है जो सामान्य रूप से मिशन का लक्ष्य शहरी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार विशेषकर स्लम, प्रवासी और बेघर कमजोर गरीब आबादी को गुणवत्तापूर्ण बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम में आए सभी वार्ड सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया। मौके पर जिला शहरी स्वास्थ्य सलाहकार तारिक अनवर, पीएसआई इंडिया के फील्ड प्रोग्राम कॉर्डिनेटर प्रियेश कुमार तिवारी, वार्ड 11 के वार्ड पार्षद शैलेश कुमार, वार्ड 40 के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि आनंद जयशवाल, वार्ड 7 के वार्ड पार्षद अमित कुमार, वार्ड 44 के वार्ड पार्षद सरोज कुमार गुप्ता के अलावा अन्य वार्ड पार्षद एवं प्रतिनिधि मौजूद रहे।