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alert for covid cases

रोहतास पत्रिका/सासाराम: राज्य के अन्य जिलों की तरह रोहतास जिले में भी अब संक्रमण की रफ्तार पर लगाम लग चुकी है। हालांकि जिले में अभी भी इक्का-दुक्का संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में जिला स्वास्थ समिति अभी भी पूरी तरह से सावधानी बरत रही है। क्योंकि अभी भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। रोहतास जिले में पिछले 1 हफ्ते के भीतर कुल 32000 के आसपास लोगों का कोरोना जांच किया गया।

इस दौरान मात्र 5 नए संक्रमित मामले सामने आए हैं, जबकि इन 7 दिनों के भीतर 9 संक्रमित मरीज ठीक भी हो चुके हैं और उन्हें छुट्टी भी दी जा चुकी है। पिछले सात दिनों की बात करें तो जिले में 22 फरवरी को 1, 23 फरवरी को 0, 24 फरवरी को 1, 25 फरवरी को 2, 26 फरवरी को 0, 27 फरवरी को 1 एवं 28 फरवरी को 0 संक्रमित मरीज मिले हैं।

जंच में भी तेजी बरकरार

जिले में संक्रमण प्रसार अब कम हो गया है बावजूद इसके जिले में कोरोना जांच में कमी नही की गई है। जिले में प्रतिदिन चार हज़ार से पांच हज़ार लोगों का कोरोना जांच किया जा रहा है। पिछले सात दिनों की बात करें तो 22 फरवरी को 4811, 23 फरवरी को 4544, 24 फरवरी को 4486, 25 फरवरी को 4587, 26 फरवरी को 4476, 27 फरवरी को 4493, 28 फरवरी को 3564 लोगों का कोरोना जांच किया गया। वही इन सात दिनों में कुल 1185 लोगों का सासाराम एवं डेहरी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का जांच किया गया।

अभी भी अस्पतालों में सभी सुविधाएं को रखा गया है रेडी मोड पर

रोहतास सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार ने बताया कि संक्रमण प्रसार में कमी आई तो है लेकिन खतरा अभी टला नही है। जिले के सभी अनुमंडलीय अस्पतालों मे कोविड से संबंधित सभी विभागों को रेडी मोड में ही रखा गया है। ऑक्सिजन गैस सुविधा से लेकर कोविड डेडिकेटेड केअर को भी बरकरार रखा गया है। उन्होंने कहा कि संक्रमण के साथ-साथ अन्य बीमारियां है जो काफी खतरनाक है और उस दौरान भी हमें इमरजेंसी की आवश्यकता होती है।

ऐसे में हमारा इमरजेंसी वार्ड हमेशा रेडी रहेगा। सिविल सर्जन ने कहा कि लोगों को भी अभी सावधानी बरतने की आवश्यकता है क्योंकि लोगों की जागरूकता की वजह से ही संक्रमण को मात दिया गया है। उन्होंने लगों से अपील किया कि जिनलोगों ने अभी तक कोविड का टीका नही लिया है वो लोग टीकाकरण आवश्य करवा लें ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके।

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Pulse Polio

रोहतास पत्रिका/सासाराम: रोहतास जिले में रविवार से 5 दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की गई। अभियान की शुरुआत रोहतास सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार ने बौलिया रोड स्थित महादलित बस्ती से बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर किया। उन्होंने सभी लोगों से अपील किया कि जीरो से 5 वर्ष के बच्चों को पोलियो की खुराक जरूर पिलाएं। सिविल सर्जन ने कहा कि पोलियो को जड़ से मिटाने के लिए लगातार समय-समय पर पल्स पोलियो अभियान चलाकर टीकाकरण किया जा रहा है।

27 फरवरी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत जिले में भी पल्स पोलियो अभियान चलाकर जीरो से 5 वर्ष के बच्चों को पोलियो की खुराक दी जा रही है ताकि हमारा जिला भी पूरी तरह से पोलियो मुक्त रहे। उन्होंने बताया कि अभियान 27 फरवरी से 3 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। पल्स पोलियो अभियान के शुभारंभ के अवसर पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर आरकेपी साहू, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी ऋतुराज, डब्ल्यूएचओ के एसएसओ अफाक अमीर, यूनिसेफ के एसएमसी असजद इकबाल सागर के अलावा सासाराम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर संतोष कुमार, स्वास्थ प्रबंधक प्रवीण कुमार, बीसीएम ममता कुमारी, बीएमसी उमाशंकर, दिवाकर सहित आशा कार्यकर्ता एवं एएनएम उपस्थित रहें।

जिले में 4.60 लाख लक्ष्य

जिले में कुल 5 लाख 44 हजार घरों को टारगेट किया गया है जिसमें 4 लाख 60 हज़ार 406 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान को सफल बनाने में 1900 टीम की तैनाती की गई है जिसमें 3500 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया गया है। जिसमें 1200 हाउस टू हाउस टीम, 183 ट्रांजिट टीम, 50 मोबाइल टीम, 19 वन मैन टीम, 452 सुपरवाइजर, 115 सब डिपो बनाए गए हैं। अभियान को लेकर प्रतिदिन संध्याकालीन बैठक कर समीक्षा की जाएगी और अभियान में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई भी की जाएगी। वही डब्ल्यूएचओ एवं यूनिसेफ के द्वारा अभियान की मॉनिटरिंग की जाएगी।

स्लम एवं महादलित बस्तियों में होगा फोकस

पल्स पोलियो अभियान के दौरान सहरी स्लम बस्तियों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे महादलित बस्तियों में अभियान को लेकर फोकस किया जाएगा। इसके अलावा ईट भट्ठा, पत्थर तोड़ने वाले मजदूरों के बीच भी विशेष अभियान चलाया जाएगा। वही 1 मार्च को महाशिवरात्रि के अवसर पर जिले के सभी शिव मंदिरों के साथ-साथ मेला लगने वाले प्रसिद्ध मंदिरों में विशेष कैंप लगाकर बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक दी जाएगी।

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covid cases in rohtas

रोहतास पत्रिका/सासाराम: जिले में कोरोना संक्रमण का रफ्तार अब धीमा हो गया है। जनवरी माह में संक्रामण का प्रसार जहाँ चरम सीमा पर था वही फरवरी आते आते इसकी रफ्तार धीमी हो गई। जनवरी माह में जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 332 पहुँच गई थी वही फरवरी माह के अंत महज 2 बच गया है। जिले में धीमी पड़ती रफ्तार से जिला प्रशासन के साथ-साथ जिला स्वास्थ समिति पहले से बेहतर महसूस कर रही है, हांलाकि संक्रमण के कम प्रभाव को देखते हुए भी सभी तरह की इमरजेंसी सुविधाओं को बरकरार रखा गया है।

ऑक्सीजन गैस की लगातार निगरानी की जा रही है साथ साथ बेड तक पहुंचने वाले ऑक्सीजन पाइप की भी मिलिट्री की जा रही है इसके अलावा कोविड वार्ड को भी पूरी तरह से रेडी रखा गया है। जिले में पिछले 24 घण्टों के भीतर 4486 लोगों का कोरोन जांच किया गया जिसमें 1 नए संक्रमित की पुष्टि हुई। वही रेलवे स्टेशन पर भी कुल 113 यात्रियों का कोरोन जांच किया गया इस दौरान एक भी व्यक्ति में संक्रमण नही पाया गया।

पिछले एक हप्ते में मिले 2 संक्रमित

रोहतास जिले में पिछले संक्रमण को देखते हुए जांच अभियान में भी तेजी बरकरार रखी गई है। पिछले एक हप्ते में कुल 26 हज़ार 857 लोगों का कोरोना जांच किया गया जिसमे महज 2 नए संक्रमित मामले सामने आए है। जबकि इस एक हप्ते के भीतर 12 लोगों को डिस्चार्ज भी किया गया है। जिले में अब संक्रमित एक्टिव मरीजों की संख्या 2 बची हुई है जिन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है।

लोगों को बरतनी होगी सावधानी: सीएस

रोहतास सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार ने कहा कि जिला संक्रामण मुक्त नही हुआ है ऐसे में लोगों को लागतार सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संक्रमण को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग लगातार नज़र बनाये हुए है और अस्पतालों में सभी इमरजेंसी वार्डो एवं सुविधाओं को प्रभाव में रखा गया है। उन्होंने लोगों से भी अपील किया कि ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतें और गाइडलाइन का पालन करें।

संक्रामण से बचने के लिए टीकाकरण जरूरी: डीआईओ

रोहतास डीआईओ डॉ आरकेपी साहू ने कहा कि संक्रमण का खतरा बरकरार है इसलिए हमलोगों को लापरवाही नही बरतनी चाहिए। संक्रमण से बचाव के लिए गाइडलाइन के साथ साथ टीकाकरण ही मुख्य उपाय है। ऐसे कोरोना टीकाकरण सबके लिए जरूरी है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि जिन लोगों ने अभी तक टीका नहीं लगाया है वे लोग टीका जरूर लगवा ले। इसके अलावा जिन लोगों का दूसरे डोज व बूस्टर डोज का समय पूरा हो गया है वे लोग भी समय से टीका जरूर लगवा ले।

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Covid vaccination

Rohtas Patrika/Sasaram: लोगों को शत प्रतिशत टीकाकरण कराने को लेकर लगातार सरकार अभियान चला रही है। विभिन्न अभियानों के तहत लोगों को टीकाकरण किया जा रहा है। इसी के तहत मंगलवार को राज्यव्यापी महा ग्राम पंचयात सभा की बैठक करके वंचित लोगों को टीकाकरण किया गया। इसी के तहत रोहतास जिले में कुल 229 पंचायतों में अभियान चलाकर लोगों को टीकाकरण किया गया।

इस दौरान जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आम सभा की बैठक की गई और टीकाकरण से वंचित लोगों का टीकाकरण किया गया। राज्य स्वास्थ समिति के निर्देश पर अभियान चलाया गया। अभियान में 60 वर्ष के लोगों को बूस्टर डोज लगाया गया। वही 15 सेव18 वर्ष वाले बच्चों को प्रथम डोज एवं दूसरे डोज का समय पूर्ण हो चुके बच्चों को दूसरे डोज का टीकाकरण किया गया।

जनप्रतिनिधियों ने निभाया अपना दायित्व

जिले में आयोजित आम सभा बैठक के दौरान वंचित लोगों को टीकाकरण कराने में जिले के जनप्रतिनिधियों ने अपने दायित्व को समझते हुए अहम भूमिका निभाया। जनप्रतिनिधियों में मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्यों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दिया। सासाराम प्रखण्ड प्रमुख कौशल्या देवी देवी ने बताया कि पंचायतों के विकास के साथ साथ लोगो को स्वास्थ्य के प्रति सजग करना भी हम सभी का दायित्व बनता है और इसमे सबका सहयोग अनिवार्य है।

क्या कहते है अधिकारी

रोहतास जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ आर के पी साहू ने बताया कि जिले में सभी पंचायतों में आम सभा कर के लोगों को टीकाकरण किया गया। साथ ही साथ सभी को टेलीमेडिसिन के बारे में भी जानकारी दी गई और सभी जनप्रतिनिधियों को ई संजीवनी एप्प भी डाऊनलोड कराया गया। डॉ साहू ने बताया कि इस अभियान में जनप्रतिनिधियों के साथ साथ आम लोगों की भी काफी सहयोग मिला।

डॉ. साहू ने बताया कि जल्द से जल्द शत-प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित कराने के लिए पंचायतीराज के तमाम जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता और गणमान्य व्यक्ति का भी सहयोग जरूरी है। इसी उद्देश्य से आम सभा के दौरान मेडिकल टीम द्वारा लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जागरूक किया जा रहा है। ताकि जनप्रतिनिधियों का सहयोग मिल सके और सामुदायिक स्तर पर लोग जागरूक हो सके।

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Tv Patient

Rohtas Patrika/Sasaram: सरकार ने वर्ष 2025 तक यक्षमा (टीबी/ट्यूबर क्लोसिस) को जड़ से खत्म करने का निर्णय ले लिया है। सरकार के इस लक्ष्य को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए लोगों के सहयोग की भी आवश्यकता है। जब तक लोगों को इसके विषय में पूरी जानकारी नहीं हो पाएगी, तब तक समाज से टीबी को पूरी तरह से मुक्त नहीं किया जा सकेगा।

इस क्रम में जिला यक्षमा विभाग लोगों को जागरूक करने व उन्हें टीबी की व्यापक जानकारी देने की तैयारी कर रहा है । ताकि, लोगों में इस गंभीर बीमारी के प्रति समझ जागृत हो सके। जिला यक्षमा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया टीबी लाइलाज रोग नहीं है। इसका संपूर्ण और निःशुल्क इलाज सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। हालांकि दवा का पूरा डोज लेना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर एमडीआर (मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट) टीबी की संभावना बढ़ जाती है।

दवा का नियमित सेवन करना जरूरी

डॉ. कुमार ने बताया टीबी का इलाज पूरी तरह मुमकिन है। सरकारी अस्पताल और डॉट्स केंद्रों में इसका नि:शुल्क इलाज होता है। लेकिन इसकी दवा का नियमित सेवन करना होगा। टीबी की दवा का अनियमित सेवन करना, बिना चिकित्सीय परामर्श के दुकानों से टीबी की दवा लेना एवं टीबी की दवा खाने से पहले ड्रग सेंसटिविटी जांच नहीं होने से भी एमडीआर टीबी होने की का संभावना ख़तरा बढ़ जाती ता है।

सीबीनेट जैसी नई मशीन की सहायता से टीबी की जांच नि:शुल्क की जा रही है। टीबी पीड़ितों के बेहतर पोषण के लिए सरकार 500 रुपये की सहायता राशि भी दे रही है। लेकिन इसके लिए टीबी पीड़ितों को टीबी अस्पताल में पंजीकरण कराना जरूरी रुरी है।

बेहतर पोषण से हो सकता है बचाव

बेहतर पोषण से रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर टीबी जैसे गंभीर रोग से बचा जा सकता है। इसके लिए खासकर प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर आदि में प्रोटीन की काफ़ी मात्रा होती है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती ता है। कमजोर इम्युनिटी से टीबी के बैक्टीरिया के सक्रिय होने की संभावना अधिक होती है। टीबी की का बैक्टीरिया शरीर में ही होती ता है, लेकिन अच्छी इम्युनिटी से इसे सक्रिय होने से रोका जा सकता है।

यह लक्षण हों तो जरूर करवाएं अपनी जांच

दो हफ्ते से ज्यादा लगातार खांसी, खांसी के साथ बलगम का आना, कभी-कभी बलगम के साथ खून का आना, भूख कम लगना, लगातार वजन कम होना, शाम या रात के वक्त बुखार आना, सर्दी में भी पसीना आना, सांस उखड़ना या सांस लेते हुए सीने में दर्द होना इत्यादि टीबी के लक्षण हो सकते हैं।

टीबी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है। यह आमतौर पर फेफड़ों से शुरू होती है। लेकिन यह ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गला, हड्डी आदि हिस्से में हो सकती है। टीबी की का बैक्टीरिया का खांसने और छींकने के दौरान मुंह-नाक से इसका संक्रमण फैलता है।

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