रोहतास पत्रिका/सूर्यपुरा: सूर्यपुरा थाना अंतर्गत अगरेर खुर्द गांव में 20 मार्च को आपसी विवाद में एक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद मामले के आरोपी फरार चल रहे थे। अब हत्याकाण्ड के 21 दिन बाद सोमवार को पुलिस को मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। मिली जानकारी के अनुसार अभियुक्त ब्रिज भूषण पांडे को पुलिस ने बिक्रमगंज थाना क्षेत्र से जांच के लिए गठित एसआईटी ने गिरफ्तार किया है।
घटना में प्रयुक्त हथियार अभी भी पुलिस के पहुँच से बाहर, नहीं हुआ आर्म्स लाइसेंस रद्द
घटना के बाद मामले की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया था कि दलितों पर गोलीबारी करने में प्रयुक्त हथियार लाइसेंसी है या अवैध इसकी जांच की जा रही है। जांच में पता चला कि जिस हथियार से गोलीबारी हुई थी वह हथियार लाइसेंसी और उसकी लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा की गई है। जब इस संबंध में बिक्रमगंज एसडीपीओ से बात किया गया तो पता चला की हथियार का लाइसेंस घटना के 21 दिन बीत जाने के बाद भी रद्द नहीं किया है।
मृतक की पत्नी ने कराई थी प्राथमिकी दर्ज
मृतक राजदेव पासवान की पत्नी इंदु देवी ने स्थानीय सूर्यपुरा थाना में गांव के ही 8 दबंगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सूर्यपुरा थानाध्यक्ष सुसंत कुमार ने धारा 147/148/149/341/323/447/307/302/504, 27 आर्म्स एक्ट एवं एससी/एसटी एक्ट के तहत कांड संख्या 32/22 दर्ज किया था। इस कांड में कुल 8 लोगों को नामजद किया गया था जिसमें अगरेर खुर्द निवासी भैया राम पांडे के पुत्र बृज भूषण पांडे, चंद्र भूषण पांडे एवं राज भूषण पांडे, स्व जय गोविंद पांडे के पुत्र भैया राम पांडे, बृज भूषण पांडे का पुत्र विकास पांडे, श्रीकांत दुबे का पुत्र सौरभ दुबे उर्फ किस्तु दुबे, रंगनाथ पांडे का पुत्र अभय पांडे एवं कमलेश पांडे का पुत्र संजीव पांडे शामिल है।
दिन-दहाड़े दो लोगों को मारी गई थी गोली, एक की हुई थी मौत
सूर्यपुरा थाना क्षेत्र के अगरेर खुर्द गांव में उक्त विवाद में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। एक अन्य व्यक्ति को भी गोली लगी थी, लेकिन उसकी जान बच गई थी। ग्रामीण बताते है कि आपसी विवाद में झगड़ा बढ़ गया और कुछ लोगों द्वारा दिनदहाड़े फायरिंग की जाने लगी थी। जिसमें राजदेव पासवान एवं संतोष पासवान को गोली लग गई। राजदेव की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि संतोष को बिक्रमगंज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
3 दिनों से जारी तनाव ने लिया खूनी रूप
स्थानीय लोग बताते है कि 17 मार्च को अगरेर खुर्द गांव में नाली के ऊपर रखा पत्थर का स्लैब नाली में गिर गया था। उस स्लैब को निकाल कर हटाने को लेकर विवाद हो गया। तब गांव के दबंगों ने नींबू राम की पिटाई कर दी। उसी विवाद में 20 मार्च को भी दोनों पक्षों में नोंक-झोक हुआ। इसके बाद गांव के ही दबंगों के पक्ष से ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी जिसमें राजदेव पासवान और संतोष पासवान को गोली लग गई थी।