- दाग त्वचा के रंग से अलग हो तो कुष्ठ विभाग में कराएं जॉच
रोहतास पत्रिका/सासाराम: कुष्ठ बीमारी को समाप्त करने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहें है और लोगों को कुष्ठ बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा हैं। साथ ही साथ लोगों को कुष्ठ बीमारी की पहचान और इसके इलाज के बारे मे भी लोगों को बताया जा रहा है। चुकि कुष्ठ चर्म रोग से संबंधित है इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि शरीर पर किसी भी प्रकार का दाग हो तो उस दाग को नजरअंदाज ना करें क्योंकि वह दाग भी कुष्ठ की शुरुआत हो सकती है।
सासाराम सदर अस्पताल स्थित कुष्ठ विभाग में कार्यरत चिकित्सा सहायक डॉ जय प्रकाश राजभर ने बताया कि शरीर पर किसी प्रकार के दाग को नज़र अंदाज़ न करें क्योंकि यह दाग कुष्ठ के भी लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि शरीर पर कोई दाग हो और दाग में सूनापन हो तो यह कुष्ठ का लक्षण हो सकता है। जिला कुष्ठ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1000 के आसपास कुष्ठ से संक्रमित मरीज हैं जिनका इलाज जारी है।
कैसे करें पहचान
कुष्ठ रोग चर्म से सम्बंधित बीमारी है। सामान्यतः शरीर के त्वचा पर कुछ दाग दिखाई दे, उसमे सूनापन हो, दाग वाली जगह पर खुजली होना, वहां पसीना नही आना इसके अलावा दाग में उभार होना और उस दाग का रंग शरीर के रंग से थोड़ा अलग हो हल्का पीके रंग के साथ तामबई रंग जैसा हो इस तरह के दाग कुष्ठ के लक्षण हो सकते हैं।
कैसे करें बचाव
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कुष्ठ बीमारी भी चर्म से ही संबंधित है इसलिए शरीर पर अचानक आए दाग के साथ-साथ हाथ पैर के अंगुलियों मैं अचानक हो रहे परिवर्तन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि ऐसा हो रहा हो तो तुरंत सरकारी अस्पताल में संपर्क करके जांच करवाएं, क्योंकि यह सभी कुष्ठ के लक्षण हो सकते हैं।
एसीएमओ ने बताया कि लोगों में कुष्ठ की बीमारी न फैले इसके लिए अभियान के तहत रिफ्रैम्पसिन का सिंगल डोज दवा दी जाती है। उन्होंने बताया कि यह दवा खास कर उनलोगों को दिया जाता है जिनके घर मे कोई पहले से ही कुष्ठ पीड़ित हो। साथ ही यह दवा कुष्ठ पीड़ित मरीज के आसपास रहने वाले लोगों को भी दिया जाता है।