रोहतास पत्रिका/सासाराम: कुष्ठ के प्रति लोगों की गलत धारणा को दूर करने के साथ कुष्ठ बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत 1 से 13 फरवरी तक कुष्ठ पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके तहत जिले के विभिन्न प्रखंडों में आशाकर्मी एवं स्वास्थ्य कर्मी अपने अपने कार्य क्षेत्र में घूम घूम कर लोगों को कुष्ठ के प्रति जागरूक कर रहे है। साथ ही लोगों की कुष्ठ के प्रति फैली नकरात्मक सोच को बदलने की कोशिश की जा रही है।
पखवाड़ा के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा कि कुष्ठ रोग छूने ने नहीं फैलता है। समय से इसकी पहचान कर इलाज कराने से दिव्यांग होने से बचा जा सकता है। इधर जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में भी कुष्ठ को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें कुष्ठ से पीड़ित लोगों की प्रति घृणा न करते हुए उन लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने का संकल्प दिलवाया जा रहा है।
जनप्रतिनिधियों के सहयोग से चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
13 फरवरी तक चलने वाले कुष्ठ पखवाड़ा में पंचायत एवं गाँव स्तर पर चलने वाले जागरूकता अभियान में स्वास्थ्यकर्मी जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर भी कुष्ठ के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे । साथ ही साथ साथ अपने क्षेत्र में जनप्रतिनिधि भी अपने स्तर से लोगों को जागरूक करेंगे और लोगों को बताएंगे कि कुष्ठ छुआछूत की बीमारी नहीं है। इसे इलाज से ठीक भी किया जा सकता है।
जिले में 364 कुष्ठ पीड़ित इलाजरत
जिला कुष्ठ नियंत्रण केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार रोहतास जिले में वर्तमान में 364 लोगों का इलाज जारी है। इसकी जानकारी देते हुए कुष्ठ नियंत्रण केंद के सहायक चिकित्सक जय प्रकाश राजभर ने बताया कि जिले में कुष्ठ के लगातार मरीज मिल रहे औऱ उनका इलाज जारी है। कुष्ठ को लेकर अभी भी लोगों में जागरूकता का अभाव है। जिस वजह से यह बीमाती कुष्ठ से पीड़ित लोगों को दिव्यांग बना देती है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ का लक्षण एवं पहचान जरूरी है।
हाथ पैर की अंगुलियों में अचानक आये परिवर्तन एवं शरीर के किसी भी हिस्से में सूनापन व अचानक दाग धब्बा दिखाई दे तो इसे नजरंदाज न करें क्यों कि यह कुष्ठ के भी लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो तत्काल नजदीक के अस्पताल में संपर्क करें।
चलाया जा रहा स्पर्श लेप्रोसी जागरूकता अभियान
जिला कुष्ठ पदाधिकारी सह एसीएमओ डॉ अशोक कुमार ने बताया कि कुष्ठ रोग को लेकर लोगों में अभी भी कई भ्रांतियां फैली हुई हैं । इस वजह से कुष्ठ से पीड़ित लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते हैं। भ्रांतियों को तोड़ने के लिए स्पर्श लेप्रोसी अभियान के तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस जागरूकता के माध्यम से जिले में कुष्ठ के छुपे हुए लोगों की पहचान हो पाएगी।
एसीएमओ ने लोगों से अपील की है कि कुष्ठ लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पतालों में संपर्क करें। उन्होंने बताया कि कुष्ठ बीमारी को ठीक करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ पीड़ित रोगियों को जिला कुष्ठ निवारण केंद्र में नि:शुल्क जांच के साथ-साथ नि:शुल्क दवाइयां एवं किट उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही कुष्ठ से पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा प्रतिमाह सहायता राशि भी प्रदान की जाती है।